पेट्रोल की कीमतों से परेशान शख्स ने पीएम नरेंद्र मोदी को भेजा नौ पैसे का चेक

0
266
उपभोक्तावाद और बाजारवाद

उपभोक्तावाद और बाजारवाद

ये बदलता भारत है…मौजूदा सरकार की नज़रों में मेक इन इंडिया। इतिहासकार इसे सोने की चिड़िया बताते हैं। दूसरे देशों के हिसाब से तेजी से ये तेजी से उभरता बाजार है। बदलाव के इस बयार में उपभोक्तावाद और बाजारवाद के बीच तालमेल बिठाते हिंदुस्तान की ज्यादतर आबादी अच्छे दिनों के सपने बुनने में लगी है।

वो सपने जो देश के प्रधान सेवक ने दिखाया है। जाहिर है सपने बड़े हैं तो उसके बदले चुकाई जानेवाली कीमत भी ज्यादा होगी।

उपभोक्तावाद और बाजारवाद

उपभोक्तावाद और बाजारवाद

उपभोक्तावाद के नाम पर सरकार ने उन रियायतों पर जोर दिया है जो आम आदमी के खर्च के दायरे में इजाफा करता है, और सरकार के राजस्व में भी।

सरकार ने भर दम टैक्स लगाए हैं, जो कसर बची उसे सेस के जरिए निकलवा लिया। एक वक्त तो हालात ऐसे थे कि अगर आप बाहर खाना खाने गए तो ऐसा लगता था मानो टैक्स के रुप में अपने साथ एक और व्यक्ति को खाना खिला रहे हों।

हालांकि बाद में फूड पर जीएसटी तो घटी लेकिन तब तक बाजारवाद इस कदर हावी हुआ कि कंपनियों ने घटे टैक्स की भरपाई प्रोडक्ट के दाम बढ़ाकर कर दी। यानी जेब से उतने पैसे जो टैक्स लगाए हैं उसका असर जजिया कर से भी बुरा ही साबित हुआ है।

उपभोक्तावाद और बाजारवाद

तेल ने भी निकाला ‘तेल’

ये उपभोक्तावाद और बाजारवाद का ही नतीजा है कि कल तक विपक्ष में रहकर पेट्रोल-डीजल सस्ता करने की मांग करनेवाली राजनीतिक पार्टी सत्ता में आते ही लोगों का तेल निकालने में लगी है।

लगातार हो हल्ले के बावजूद सरकार चुप बैठी है और तेल कंपनियां मूल्य समीक्षा के नाम पर उपभोक्ता के पैसे की कभी नौ कभी दो कभी ग्यारह करने में लगी है। जब हंगामे और विरोध प्रदर्शन के सुर तेज होते हैं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अगले रोज चंद पैसों की नरमी दिखा दी जाती है।

पीएम को नौ पैसे का चेक

इसे भी पढ़ें: मनमोहन सिंह के दौर से सस्ती है कच्चे तेल की कीमत, फिर भी ‘लूट’ रही मोदी सरकार!

देश भर में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध के बाद जब तेलंगाना में पेट्रोल 9 पैसे सस्ता हुआ तो इसका विरोध जताते हुए एक व्यक्ति ने पीएम नरेन्द्र मोदी को नौ पैसे का चेक भेज दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तेलंगाना के राजामुंदरी जिले के चंदू गौड़ ने पीएम को पेट्रोल के दाम नौ पैसे घटाने पर चेक भेजा है। चंदू ने जिला कलेक्टर कृष्ण भास्कर को एक कार्यक्रम के दौरान 9 पैसे का चेक ये कहते हुए दिया कि ये पीएम रिलीफ फंड में जमा कर दें ताकि किसी काम आ सके।

कच्चे तेल की कीमत में गिरावट

इसे भी पढ़ें: यही आलम रहा तो जल्द ही 100 के पार हो जाएगा पेट्रोल, डीजल की भी ‘स्पीड’ कम नहीं

दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिरी हैं…और इसका असर भी देखने को मिल रहा है। इधर, लगातार सातवें दिन पेट्रोल के दाम घटे हैं। मंगलवार को पेट्रोल 14 पैसे और डीजल 10 पैसे तक सस्ता हुआ है।

हालांकि इतने दिनों की लगातार गिरावट के बाद भी ये पुरानी कीमतों के लिहाज से काफी महंगा है…जबकि कच्चे तेल की तब की कीमत से अब की कीमत काफी कम हो चुकी हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.