दिल्ली। प्रचंड बहुमत से जीते नरेंद्र मोदी 30 मई को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ (Narendra modi oath) लेंगे. उससे पहले कहा जा रहा है कि देश में ऑपरेशन लोटस को लॉन्च कर दिया गया है. राजस्थान, एमपी, कर्नाटक और बंगाल की सरकारों की मुश्किलें बढ़ गई है. जबकि गुजरात में बीजेपी को पानी पिलाने वाली कांग्रेस को अपने विधायकों को बचा कर रखना मुश्किल होता जा रहा है.
इन पर बीजेपी की नजर
इस्तीफे पर अड़े कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें सत्ता संघर्ष से जूझ रही है. बंगाल में ममता बनर्जी को अपने पार्टी को संभालने की चुनौती आ खड़ी हुई है. दक्षिण में कर्नाटक की सरकार हिल रही है. गुजरात में कांग्रेस के सामने अपने विधायकों को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है. 4 राज्यों में कांग्रेस और बंगाल में ममता को ‘ऑपरेशन लोटस’ से निपटना मुश्किल होता जा रहा है.
पश्चिम बंगाल
ममता बनर्जी को बीजेपी ने झटका देने काम लोकसभा चुनाव बाद भी जारी रखा है. मंगलवार को टीएमसी के 2, सीपीएम के 1 विधायक और 50 पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. दिल्ली में इन नेताओं को बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई. इसमें टीएमसी के पूर्व दिग्गज नेता मुकुल रॉय के विधायक बेटे शुभ्रांशु रॉय भी शामिल हैं.
ये भी पढ़ें: ‘…और टीवी के वो डंडे में पता नहीं क्या ताकत होती है कि खोल देता है मुंह’
ये भी पढ़ें: एक ओर इस्तीफे पर इस्तीफा, दूसरी तरफ राजतिलक की तैयारी
ऐसे में टीएमसी के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे होंगे. राज्य में 2021 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर 40.3 फीसदी है. (Narendra modi oath) जो कि टीएमसी के 43.3 से सिर्फ 3 फीसदी कम है. 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले बीजेपी के वोटों में 23 फीसदी का इजाफा हुआ है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव आते-आते क्या स्थिति रहेगी. बीजेपी का दावा है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेताओं को तोड़ने का काम 7 फेज में किया जाएगा.
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. पैसों की लेनदेन को लेकर सरकारी एजेंसियों ने शिकंजा कस दिया है. वहीं, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को बहुमत से 2 सीट कम यानी 114 सीटें मिली थी. (Narendra modi oath) चुनाव के बाद 4 निर्दलीय, बीएसपी के 2 और समाजवादी पार्टी के 1 विधायक के समर्थन की बदौलत कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा पार किया था. (Narendra modi oath) फिर कमलनाथ सरकार के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है. जो बहुमत से 5 ज्यादा है. वहीं बीजेपी के पास 109 विधायक हैं. अगर बीजेपी को 7 विधायकों का समर्थन मिल जाए तो कमलनाथ की सरकार गिर सकती है.
राजस्थान
यहां उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को सीएम बनाने की मांग जोर पकड़ रही है. राजस्थान कांग्रेस कमेटी के सचिव सुशील आसोपा ने सचिन पायलट को सीएम बनाने की मांग को लेकर फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया है. (Narendra modi oath) जिसमें उन्होंने लिखा है कि ”राजस्थान में कहीं चले जाओ, एक ही आवाज आती है- कांग्रेस अगर सचिन पायलट को 5 साल की मेहनत के प्रतिफल में मुख्यमंत्री बनाती तो आज राजस्थान में लोकसभा चुनाव के परिणाम कुछ और होते. (Narendra modi oath) लोग कहते हैं कि पायलट की 5 साल तक की अथक मेहनत के कारण ही वह माहौल बना जिससे कांग्रेस के विधायक जीते क्योंकि युवाओं को लगता था कि इस बार पायलट को मौका मिलेगा”.
ये भी पढ़ें: क्या अमेठी में राहुल गांधी को उनके प्रतिनिधि ने ही साजिश रच कर हरा दिया?
राजस्थान बीजेपी उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि ”मैंने सुना है कि यहां के बीएसपी विधायक खुश नहीं हैं. यहां तक की कांग्रेस के 20-25 विधायक भी नाराज हैं”. (Narendra modi oath) बीजेपी नेता भवानी सिंह राजावत के मुताबिक ”कांग्रेस की राज्य में जो स्थिति हैं, उसमें हमें ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है. कांग्रेस खुद अपनी सरकार गिराने पर तुली हुई है”. इस बात की चर्चा गर्म है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है.
कर्नाटक
दक्षिण में एचडी कुमारस्वामी की मुश्किलें कम होने नाम नहीं ले रही है. यहां जेडीएस और कांग्रेस की सरकार है. कांग्रेस ने नाराज विधायकों को मंत्री बनाने का प्लान तैयार किया था मगर अब ये भी कारगर साबित नहीं हो रहा है. कम से कम एक दर्जन विधायकों ने मंत्री बनने की इच्छा जाहिर की है. (Narendra modi oath) मौजूदा राजनीति हालात को देखकर बीजेपी सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने राज्य में फिर से चुनाव कराने की मांग की है. (Narendra modi oath) कर्नाटक की 28 में से 25 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. 225 विधानसभा की सीटों वाली एसेंबली में बीजेपी के 105 सदस्य हैं और वो सबसे बड़ी पार्टी है. सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 विधायक हैं. जिसमें कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37 और बीएसपी के 1 विधायक शामिल है.
गुजरात
गुजरात में कांग्रेस को मिली हार के बाद एक बार फिर से टूट हो सकता है. परेश धनाणी ने नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं गुजरात कांग्रेस से नाराज चल रहे विधायक अल्पेश ठाकोर ने दावा किया है कि राज्य में कांग्रेस के 15 से ज्यादा विधायक पार्टी छोड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस से हर कोई नाराज और असंतुष्ट है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देखो और इंतजार करो. 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राधनपुर सीट से निर्वाचित हुए थे. 10 अप्रैल को ये दावा करते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था कि वो और उनके ठाकोर समुदाय को कांग्रेस की ओर से अपमान और धोखा मिला है.