अर्श से फर्श तक: असुमल हरपलानी से आसाराम बनने की कहानी

2
239
असली नाम असुमल हरपलानी

दिल्ली। आसाराम बापू नाम से दुनिया में मशहूर आसाराम का असली नाम असुमल हरपलानी है. पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बेरानी गांव में आसाराम का जन्म 1941 में हुआ था. आसाराम का परिवार सिंधी कारोबारी समुदाय से ताल्लुक रखता है. 1947 में देश के बंटवारे के बाद आसाराम का परिवार गुजरात के अहमदाबाद में बस गया. तब आसाराम महज 6 साल के थे.

असली नाम असुमल हरपलानी

आसाराम के आध्यात्मिक गुरु लीलाशाह थे. लीलाशाह ने ही असुमल हरपलानी को आसाराम नाम दिया. उस समय आसाराम नौजवान थे.
आध्यात्म को सफलता की सीढ़ी बनानेवाले आसाराम ने 1972 में अहमदाबाद से करीब 10 किलोमीटर दूर मुटेरा इलाके में सबरमती नदीं के किनारे अपना पहला आश्रम बनाया.

चल निकला बाबा का ‘प्रोजेक्ट आध्यात्म’

मुटेरा से शुरू हुआ आसाराम का प्रोजेक्ट आध्यात्म गुजरात के दूसरे शहरों में फैला. फिर देश के कई राज्यों में आश्रम खोले. अब तो विदेशों में भी बाबा के कई आश्रम है. आज भी बाबा के चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. बस रंगत थोड़ी फीकी हो गई है.

शुरुआत में आसाराम ने गरीब और पिछड़े तबकों को टारगेट किया. प्रवचन दिए. भजन गाए. दवाईयां बांटी. मुफ्त भोजन का इंतजाम किए. बाबा की शोहरत दिन दुनी रात चौगनी बढ़ी. फिर मिडिल क्लास को टारगेट किए. इसके बाद आसाराम ग्लैमर और पॉल्टिक्स का तड़का भी लगाने लगे.

आसाराम के दरबार में जा चुके बड़े नेताओं की बात करें तो वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान, उमा भारती, रमण सिंह, प्रेम कुमार धूमल और वसुंधरा राजे शामिल हैं. जबकि कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, कमल नाथ और मोतीलाल वोरा जैसे सीनियर नेता मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं.

ये भी पढ़ें: जब ‘टाइगर’ को हिरण ने पहुंचाया जेल, ‘रेस’ हुआ बॉलीवुड

बाबा ने जुटाई करोड़ों की प्रोपर्टी

बाबा की शोहरत बढ़ी. बाद में आसाराम अपने बेटे नारायण साईं के साथ मिलकर देश-विदेश में 400 आश्रमों का साम्राज्य खड़ा कर दिया. अनुमान के मुताबिक आसाराम के पास करीब 10 हजार करोड़ की प्रोपर्टी है.

जिसका जांच केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियां कर रही है. आसाराम की ऑफिसियल वेबसाइट की मानें तो आज दुनिया भर में उनके 4 लाख अनुयायी हैं.

पिछले पांच सालों में आसाराम को बचाने के लिए देश के सबसे बड़े और महंगे वकीलों ने कोर्ट में दलील दी. 11 बार बाबा की जमानत की अर्जी खारिज हो चुकी है.

वकीलों में राम जेठमलानी, राजू रामचंद्रन, सुब्रमण्यम स्वामी, सिद्धार्थ लूथरा, सलमान खुर्शीद, केटीएस तुलसी और यूयू ललित जैसे नामचीन वकील शामिल हैं.

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.