‘लालू-लीला’: ‘तीन पीढ़ियों के लिए संपत्ति बंटोरने की हवस का नाम है लालू प्रसाद’

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'लालू-लीला' में संपत्ति का पूरा ब्योरा

'लालू-लीला' में संपत्ति का पूरा ब्योरा

पटना। लालू प्रसाद के पास कितनी संपत्ति है? भले ही लालू प्रसाद को मालूम न हो, मगर उनके साथ जेपी आंदोलन के साथी रहे सुशील मोदी को मालूम है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद की संपत्ति का लेखा-जोखा तैयार किया है. ‘लालू-लीला’ में संपत्ति का पूरा ब्योरा पेश करने का सुशील मोदी ने दावा किया है.

‘लालू-लीला’ में संपत्ति का पूरा ब्योरा

लालू प्रसाद की संपत्ति के बारे में सुशील मोदी ने इतनी जानकारी जुटा ली की उसे किताब का शक्ल दे दिया. उसी किताब का नाम है ‘लालू-लीला’. सुशील मोदी ने ‘लालू-लीला’ के कवर पर लिखा है कि ”ये खोखा मतलब शेल कंपनियों, दान वसीयत और हर काम के बदले जमीन-मकान हथियाने के लालू परिवार के नायाब फंडे के बारे में है”.

मोदी ने ‘लालू-लीला’ के प्रास्तावना में ही लिखा है कि ”आने वाली तीन पीढ़ियों के लिए संपत्ति बंटोरने की हवस का नाम है लालू प्रसाद”. ‘लालू-लीला’ में संपत्ति का पूरा ब्योरा देते हुए सुशील मोदी ने लिखा है कि ”लालू प्रसाद और उनके परिवार के पास करीब 141 जमीन के प्लॉट, 30 फ्लैट और आधा दर्जन दुकान है. हालांकि पिछले एक साल के दौरान करीब आधे से अधिक संपत्तियों पर अब किसी न किसी जांच एजेंसी का कब्जा हो चुका है. तेजस्वी यादव के नाम से 52 प्रोपर्टी है, वहीं राबड़ी देवी के नाम से 43 प्लॉट और 30 से ज्यादा फ्लैट है. तेज प्रताप के नाम से 28 और मीसा भारती के नाम से 23 से ज्यादा संपत्तियां है”.

11 अक्टूबर को ‘लालू-लीला’ का लोकार्पण

'लालू-लीला' में संपत्ति का पूरा ब्योरा

अब सुशील कुमार मोदी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद पर लिखी अपनी किताब ‘लालू-लीला’ का लोकार्पण करने जा रहे हैं. इसमें लालू प्रसाद के कथित भ्रष्टाचार की कहानियां बताई गई है. ‘लालू-लीला’ में संपत्ति का पूरा ब्योरा देने का दावा किया गया है. इसका लोकार्पण 11 अक्टूबर को किया जाएगा. 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्मदिन है. इसी दिन उनके ‘चेले’ आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर लिखी, सुशील कुमार मोदी की किताब ‘लालू-लीला’ का लोकार्पण किया जाएगा. जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘संपूर्ण क्रांति’ का बिगुल फूंका था. सुशील कुमार मोदी उनके शागिर्द लालू प्रसाद यादव के भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए ये दिन चुना है. सुशील मोदी ने अपने किताब में लिखा है कि ”लालू प्रसाद यादव ने विधायक, पार्षद, सांसद और मंत्री बनाने के एवज में रघुनाथ झा और कांति सिंह जैसे नेताओं से जमीन और मकान लिखवा लिया”.

प्रोपर्टी हथियाने के लिए ‘गिफ्टकांड’

'लालू-लीला' में संपत्ति का पूरा ब्योरा

इतना ही नहीं, ‘लालू-लीला’ में संपत्ति का पूरा ब्योरा देते हुए सुशील मोदी ने लिखा है कि ”लालू प्रसाद ने भ्रष्टाचार से कमाए काले धन को सफेद करने के लिए बीपीएल कैटेगरी के ललन चौधरी, रेलवे खलासी हृदयानंद चौधरी, भूमिहीन प्रभुनाथ यादव, चंद्रकांता देवी और सुभाष चौधरी का इस्तेमाल किया. लालू ने इनको लाभ पहुंचाने के एवज में कीमती जमीन और मकान दान के जरिए हासिल किया”. सुशील मोदी ने ‘लालू-लीला’ में लिखा है कि ”लालू परिवार ने अपने रिश्तेदारों को भी बेनामी संपत्ति हासिल करने का जरिया बनाया. भाई के समधियाने, अपनी ससुराल, बेटी के ससुराल के रिश्तेदारों के नाम से अपने कालेधन से जमीन और मकान खरीदे. बाद में पत्नी, बेटे और बेटियों के नाम गिफ्ट करवा लिए”.

भ्रष्टाचार की ‘कहानी’ से मिली सत्ता

'लालू-लीला' में संपत्ति का पूरा ब्योरा

लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के बेनामी संपत्ति के बारे में सुशील कुमार मोदी ने अप्रैल 2017 में मुहिम शुरू की थी. इन्हीं को समेट कर सुशील मोदी ने ‘लालू-लीला’ में संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया है. सुशील मोदी ने आईआरसीटीसी घोटाले से लेकर जमीन और मकान के बदले मंत्री पद या टिकट देने के मामले उठाए. इसके बाद सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स ने जांच शुरू की. सुशील मोदी ने लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के इतने आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी से गठबंधन तोड़ दिए. जिसके खिलाफ चुनाव लड़े थे, उसी के साथ मिलकर अब सरकार चला रहे हैं. हालांकि सुशील मोदी के आरोपों को लालू परिवार खंडन करता रहा है. सुशील मोदी की ‘लालू-लीला’ के लोकार्पण के मौके पर दो केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और राधामोहन सिंह के साथ प्रदेश बीजेपी जुड़े कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे.

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