जेडीयू के सामने बीजेपी ने टेके घुटने, माना- बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश

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जेडीयू के सामने बीजेपी ने टेके घुटने, माना- बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश

जेडीयू के सामने बीजेपी ने टेके घुटने, माना- बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश

दिल्ली। उपचुनाव में लगातार मिल रही हार के बाद मोदी-शाह की जोड़ी कमजोर पड़ गई है। 2014 में मोदी की आंधी में उड़े दल अब आंख दिखाने लगे हैं। बिहार में 2014 के आमचुनाव में दो सीट जीतने वाली नीतीश की पार्टी जेडीयू ने बीजेपी को झूकने पर मजबूर कर दिया।

बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश

न चाहते हुए भी बीजेपी ने नीतीश को बिहार में एनडीए का चेहरा मान लिया है। शिवसेना और टीडीपी के जाने के बाद नीतीश भी एनडीए में रहते हुए दहाड़ रहे हैं। नीतीश की इस दहाड़ से मजबूर बीजेपी डरी हुई है।

नीतीश की पार्टी 2019 चुनाव से पहले ही 25 सीटों का माला जप रही है. साथ ये भी कहा जा रहा है कि अभी सीट शेयरिंग पर कोई बात नहीं हुई है. बिहार में नरेंद्र मोदी नहीं नीतीश कुमार एनडीए के चेहरा होंगे।

जेडीयू के इस मांग पर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व में हड़कंप मच गया। अमित शाह ने बिहार बीजेपी के नेताओं से इस बारे में तुरंत जानकारी ली और बिहार के राजनीतिक हालातों से अवगत हुए।

साथ ही बिहार एनडीए के साथ एलजेपी सुप्रीमो रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान से भी शाह ने मुलाकात की।

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केंद्र में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश

बीजेपी को भी पता है कि वक्त खराब चल रहा है। आंख दिखाने से अच्छा है थोड़े दिन झुक कर ही रहा जाए। 2014 में महज दो सीट जीतने वाली जेडीयू के सामने बीजेपी ने घुटने टेक दिए।

बिहार के बीजेपी के सबसे बड़े नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार ही एनडीए के नेता है। हम इन दोनों के नाम पर ही वोट मागेंगे। बिहार में नीतीश ही एनडीए के चेहरा होंगे।

3 राज्यों में चुनाव से पहले पचड़ा नहीं

दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में एनडीए ने 31 सीटें जीती थी। एनडीए की 31 सीटों में से बीजेपी को 22 सीटें, पासवान की एलजेपी को छह और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी को तीन सीटें मिली थीं।

वहीं, लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को सिर्फ 4 सीट मिलीं, नीतीश को दो सीट मिलीं, कांग्रेस को दो सीट मिलीं और एनसीपी को एक।

हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले सहयोगियों के साथ विवाद के पचड़े में बीजेपी नहीं पड़ना चाहती है। कहा जा रहा है कि बीजेपी नीतीश कुमार के लिए 10 से 15 सीटें ही छोड़ सकती है।

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