बिहार में बच्चों के साथ ‘घिनौना’ काम करता था बौद्ध भिक्षु, न्यूड डांस देखने का था शौक

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bodh gaya school child sexual abuse by buddhist monk

मेडिटेशन सेंटर में मुजफ्फरपुर जैसा कांड!

पटना। बिहार के गया जिले में बौद्ध भिक्षु का एक घिनौना करतूत सामने आया है। बोधगया के मस्तीपुर में एक बौद्ध सेंटर है, जिसे प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर कहा जाता है। यहां पर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के साथ ही मेडिटेशन सेंटर की सुविधा है। यहां पर बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ ही मेडिटेशन की ट्रेनिंग दी जाती है। इस मेडिटेशन सेंटर में मुजफ्फरपुर जैसा कांड सामने आया है।

मेडिटेशन सेंटर में मुजफ्फरपुर जैसा कांड!

इसमें फर्क सिर्फ इतना है कि मुजफ्फरपुर में 34 बच्चियों के साथ रेप हुआ था और छह से 13 साल के बच्चों के साथ रेप हुआ है। मामला सामने आने के बाद संस्था के प्रभारी भंते सुजॉय संघ प्रिय को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ पुलिस ने पाक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक भंते सुजॉय संघप्रिय बांग्लादेश का रहने वाला है।

सेंटर के ही बौद्ध भिक्षु ने खोली पोल

प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में असम के बच्चे रहते हैं। ये बच्चे असम के करवीआलांग जिले के बालमफाड़ इलाके के डीफू और मंगलधाम गांव के रहने वाले हैं, जिनकी उम्र 6 से 13 साल के बीच है। मुंबई में रहने वाले और इस संस्था से जुड़े एक बौद्ध भिक्षु सदानंद भंते ने 25 अगस्त को असम के रहने वाले विकास चकमा को फोन किया और कहा कि बच्चों के साथ प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में गलत काम हो रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसकी जानकारी मिलने के बाद विकास चकमा बच्चों के घरवालों के साथ प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर पहुंचे और वहां के भंते संघप्रिय से मुलाकात की। बच्चों के घरवालों ने अपने बच्चों को घर ले जाने की बात कही, तो संघप्रिय राजी हो गया। उसने सभी 15 बच्चों को घरवालों के साथ भेज दिया।

न्यूड डांस देखने का शौकीन था भंते

खबरों के मुताबिक जब बच्चे और उनके घरवाले स्टेशन पहुंचे तो गया-कामाख्या एक्सप्रेस छूट चुकी थी। इसकी वजह से बच्चे और घरवाले रात गुजारने के लिए असम भवन पहुंच गए। वहां बच्चों ने बातचीत के दौरान अपने घरवालों को बताया कि प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में रहने के दौरान उनके कपड़े उतरवाकर डांस करवाया जाता था और इस दौरान संस्था का संचालक संघ प्रिय भी बिना कपड़े के रहता था। अगर कोई बच्चा उसका विरोध करता था, तो उसकी पिटाई की जाती और खाना भी नहीं दिया जाता था। इसके साथ ही उनके साथ गलत काम किया जाता था।

25 बच्चों को पहले भी ले गए थे परिजन

उसके बाद परिजन विष्णुपद थाने पहुंच गए। वहां उन्होंने संस्था के संचालक संघप्रिय के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। इसके बाद सिटी एसपी अनिल कुमार के निर्देश पर चाइल्ड लाइन के कर्मचारी, पुलिस के अधिकारी और बाल संरक्षण अधिकारी असम भवन पहुंचे और बच्चों से पूछताछ की।

बच्चों से पूछताछ में वारदात की तस्दीक होने के बाद पुलिस ने संघप्रिय को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, बच्चों को असम धर्मशाला में ही रखा गया है। 30 अगस्त को कोर्ट में उनका बयान दर्ज करवाया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सिटी डीएसपी राजकुमार साह के मुताबिक छह महीने पहले भी इस सेंटर में रहने वाले 25 बच्चों को उनके घरवाले लेकर चले गए थे। फिलहाल इस सेंटर में 15 बच्चे रह रहे थे।

एक बच्चे की मां के मुताबिक 2016 में उसका भाई इस सेंटर में पढ़ने के लिए आया था। पढ़ाई अच्छी होती थी, तो उसने अपने बेटे को भी मई 2018 में इस सेंटर में भेज दिया था। बच्चों के घरवालों के मुताबिक वो लोग बेहद गरीब हैं।

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