नीतीश का ‘समाजवादी कार्ड’, लोहिया को भारत रत्न देने के लिए पीएम को चिट्ठी

1
142
सामाजिक मुद्दों पर ज्यादा एक्टिव

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल राजनीतिक से ज्यादा सामाजिक मुद्दों पर ज्यादा एक्टिव दिख रहे हैं. इस बार उन्होंने ‘समाजवादी कार्ड’ खेला है.

सामाजिक मुद्दों पर ज्यादा एक्टिव

नीतीश ने भारत सरकार से समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है. नीतीश कुमार इस बाबत एक पत्र भी प्रधानमंत्री को भेजा है.

3 पन्नों की चिट्ठी में 8 प्वाइंट

तीन पन्ने की चिट्ठी में राममनोहर लोहिया द्वारा किए सामाजिक कार्यों की विस्तार से चर्चा है. कार्यों की एक सूची भी दी गई है. इस चिट्ठी में कुल 8 प्वाइंट दिए गए हैं, साथ ही कहा गया है कि लोहिया के कामों को एक चिट्ठी में नहीं समेटा जा सकता है.

ये भी पढ़ें: हंगामा कर रहे युवक पर भड़के नीतीश, कहा- लड़कियां नहीं रहेंगी तो ब्याह किससे करोगे

राममनोहर लोहिया को भारत रत्न देने के साथ-साथ नीतीश ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया है कि गोवा हवाई अड्डा का नाम लोहिया के नाम पर रखा जाए. क्योंकि पुर्तगालियों से गोवा को आजाद कराने में लोहिया जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

12 अक्टूबर को भारत रत्न देने की मांग

राममनोहर लोहिया की जयंती 12 अक्टूबर को है. नीतीश कुमार ने 12 अक्टूबर को ही लोहिया को भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध किया है. आजकल पीएम मोदी जहां जाते हैं स्वच्छता की चर्चा करते हैं तो लोहिया जी के स्वच्छता मिशन की चर्चा भी नीतीश कुमार ने किया है.

ये भी पढ़ें: मोदी जी फिट रहने के लिए जो खाते हैं वो कोई और नहीं खा सकता

चिट्ठी में लिखा है कि डॉ. लोहिया गांवों में स्त्रियों के लिए दरवाजा बंद शौचालय निर्माण की मांग तत्कालीन सरकार से लगातार करते रहे थे. लोहिया का कहना था कि खुले में शौच देहात की औरतों के लिए न सिर्फ शर्मनाक और लज्जाजनक है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है.

‘नेहरू विरोधी थे डॉ राममनोहर लोहिया’

नीतीश कुमार ने चिट्ठी में लिखा है कि डॉ. लोहिया नेहरू विरोधी थे. उनका कहना था कि अगर नेहरू सभी गांवों में महिलाओं के लिए शौचालय बनवा दें, तो मैं उनका विरोध करना बंद कर दूंगा. लोहिया ने स्वच्छता और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हमेशा काम किया.

ये भी पढ़ें: आ गया पीएम मोदी का ‘समर इंटर्नशिप प्रोग्राम’, पैसे और सर्टिफिकेट दोनों मिलेंगे

नीतीश कुमार ने लोहिया के सामाजिक कार्यों के बारे में इस पत्र में बहुत कुछ लिखा है. इसके अलावा लोहिया के भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान और अमेरिका के रंगभेद नीति के खिलाफ उनके नीति की चर्चा इस पत्र में की गई है.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.