बिहार: नीतीश के Swagat पर महागठबंधन में ‘Swag’

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नीतीश के Swagat पर महागठबंधन में 'Swag'

नीतीश के Swagat पर महागठबंधन में 'Swag'

पटना। कहा जाता है घर का झगड़ा होने पर पड़ोसी मजा लेते हैं। लेकिन बिहार की सियासत में फिलहाल एनडीए के घर के झगड़े पर महागठबंधन में रगड़ा नज़र आ रहा है।

एनडीए के झगड़े से कांग्रेस को उम्मीद है नीतीश वापस महागठबंधन में आएंगे और नीतीश का स्वागत करने के लिए कांग्रेस पलक पांवड़े बिछाए दरवाजे खोल कर बैठी है, लेकिन कांग्रेस की सहयोगी आरजेडी ने साफ लहजे में कह दिया नीतीश के लिए दरवाजे बंद है। चाचा नीतीश कुमार के लिए भतीजे तेजस्वी ने साफ कहा कि उनके लिए हमेशा के लिए दरवाजे बंद हैं।

वहीं नीतीश का स्वागत करने की बात करने वाली कांग्रेस को आरजेडी ने उसकी हैसियत तक बताने की कोशिश कर दी। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने दो टूक कह दिया कांग्रेस की अभी ना हैसियत है ना कोई कोर बेस।

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कुशवाहा से प्यार, नीतीश को इनकार

वहीं एनडीए के दूसरे सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा का स्वागत करने के लिए आरजेडी तैयार बैठा है। तेजस्वी ने कहा कि कुशवाहा को आरजेडी से ना ना करते प्यार हो जाएगा। ये प्यार यूं ही नहीं है क्योंकि कुशवाहा एनडीए में नीतीश को नहीं देखना चाहते हैं। जबकि मांझी के बाद कुशवाहा के महागठबंधन में आ जाने से जातीय गोलबंदी में आरजेडी को बढ़त नज़र आ रही है।

4 महीने बाद ‘सेहत’ का ख्याल?

इनक सबके बीच नीतीश के एक फोन कॉल ने सियासी गलियारे में कयासों का बाजार गर्म कर दिया। नीतीश ने मंगलवार को लालू को फोन कर उनकी सेहत को लेकर हालचाल जाना। जेडीयू इसके पीछे इंसानियत की दलील दे रहा है। लेकिन इसके पीछे नीतीश की सियासी मंशा को लेकर कयासों का दौर जारी है। ये कयास यूं ही नहीं हैं।

दरअसल हाल के दिनों में NDA में सीट शेयरिंग को लेकर चल रहे बयानबाजी के बीच नीतीश-लालू की बातचीत के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। एनडीए में जेडीयू के बड़े भाई और सीट शेयरिंग को लेकर बयानबाजी को बीजेपी फिलहाल भाव देने को तैयार नहीं है। तो नीतीश को 4 महीने बाद अपने बड़े भाई लालू की सेहत का अचानक ख्याल आ गया।

सवाल है कि जब लालू परिवार पर अवैध संपत्ति के आरोप लगे तो नीतीश ने साथ छोड़ दिया। लालू के घर सीबीआई छापा पड़ा तो भी नीतीश ने लालू से बात नहीं की, तेजस्वी, तेज और मीसा पर IT ने शिकंजा कसा तब भी नीतीश ने लालू को फोन नहीं किया। लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामले में जेल हुई तब भी नीतीश उनसे मिलने नहीं गए। रिम्स में इलाज के दौरान भी नीतीश ने लालू का हाल-चाल नहीं पूछा। एम्स में इलाज के दौरान भी नीतीश ने लालू से बात नहीं की। पैरोल पर रिहा होकर घर आने के बाद भी नीतीश, लालू से मिलने नहीं गए।

अब लालू के ऑपरेशन के बाद नीतीश ने उनसे बात की। महागठबंधन टूटने के बाद पहली बार नीतीश ने लालू से बात की। तो क्या माना जाए। नीतीश ने लालू का सिर्फ हालचाल पूछा या फिर इसी बहाने कुछ और बात हुई। कुल मिलाकर बिहार में हमेशा की तरह एक बार फिर सियासी ड्रामा जारी है और इस ड्रामे का क्लाइमेक्स क्या होगा..इसका सबको इंतजार है।

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