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उत्तर प्रदेश: क्या सियासी मोर्चे पर आमने-सामने हैं ब्राह्मण और क्षत्रिय?

दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में बीजेपी के विधायक और सांसद (BJP MP) में ‘हिंसक झड़प’ पिछले दो दिनों से मीडिया की सुर्खियों में है. टीवी और सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. जितनी मुंह उतनी बातें. पार्टी की तरफ से इस ‘ऐतिहासिक घटना’ पर पानी डालने की कोशिशें की जा रही है. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि क्या ये घटना बीजेपी के अंदरुनी कलह का सबूत है?

बीजेपी के अंदर कलह के सबूत?

शिलापट्ट पर सांसद (BJP MP) का नाम नहीं होना, इतनी बड़ी बात नहीं थी कि सार्वजनिक तौर पर ‘जूताकांड’ तक मामला पहुंच जाए. इस घटना ने साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश बीजेपी के नेताओं में निजी टकराव के अलावा आंतरिक खींचतान चरम पर है. खासकर पूर्वांचल में, जहां ब्राह्मण और क्षत्रिय वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. ये तो बस सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश बघेल के जरिए सबके सामने आ गया.

दरअसल नंदऊ बाजार से बांसी तक करीब 25 किलोमीटर सड़क खलीलाबाद सांसद शरद त्रिपाठी (BJP MP) की कोशिशों की वजह से बनी थी. ये सड़क मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र में आती है. यहीं से राकेश बघेल विधायक हैं. मगर शिलापट्ट में अपना नाम न देखकर सांसद प्रभारी मंत्री से अफसरों की शिकायत कर रहे थे. मगर तभी विधायक तेवर दिखाने लगे, और बात मारपीट तक पहुंच गई.

झड़प के पीछे जातिगत राजनीति?

शरद त्रिपाठी (BJP MP) और राकेश बघेल के बीच विवाद की कई वजहें हैं. मेंहदावाल के एक दारोगा के ट्रांसफर को लेकर भी दोनों आमने-सामने आ चुके हैं. राकेश बघेल एक थानेदार का ट्रांसफर कराना चाहते थे क्योंकि वो ब्राह्मण जाति से था. जबकि सांसद (BJP MP) नहीं चाहते थे कि कोई क्षत्रिय थानेदार आए. बाद में ये दोनों जातियों के लिए इज्जत की बात बन गई. आखिर में राकेश बघेल की जीत हुई.

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इस दौरान विधायक का एक ऑडियो वायरल हुआ जिसमें हो कह रहे थे कि ‘विटामिन-बी’ (BJP MP) साफ हो गया. यहां ‘विटामिन-बी’ का मतलब ब्राह्मण लगाया गया. पूर्वांचल में लंबे समय से इन दोनों समुदायों में चली आ रही वर्चस्व की लड़ाई पिछले कुछ सालों से धीमी पड़ गई थी लेकिन अब एक बार फिर से सतह पर आ गई है. योगी आदित्यनाथ के यूपी का सीएम बनने के बाद कथित तौर पर क्षत्रियों का वर्चस्व बढ़ा है. इसकी वजह से ब्राह्मण खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. जबकि लोकसभा और विधानसभा में ज्यादातर ब्राह्मणों और क्षत्रियों ने बीजेपी को जमकर वोट किया था.

विधायक-सांसद दोनों ‘पावरफुल’

लगता नहीं कि ये लड़ाई यहीं थमने वाली है. राकेश बघेल सांसद (BJP MP) के खिलाफ कानून कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. रात भर दोनों के समर्थक कलेक्ट्रेट कैंपस में जमे रहे. नारेबाजी चलती रही. वहीं सांसद (BJP MP) भी विधायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का दबाव बना रहे हैं. इससे लगता नहीं कि दोनों में से कोई पक्ष पीछे हटने वाला है.

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शरद त्रिपाठी (BJP MP) यूपी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी के बेटे हैं. खलीलाबाद से 2009 का चुनाव हारने के बावजूद 2014 में दोबारा टिकट मिला और जीत गए. जबकि विधायक राकेश बघेल हिन्दू युवा वाहिनी से जुड़े रहे हैं. अब भी उनकी गाड़ियों पर हिन्दू युवा वाहिनी के झंडे लगे रहते हैं. विधायक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं. वहीं सांसद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के. सांसद (BJP MP) के पिता रमापति राम त्रिपाठी की नजदीकी गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी बताई जाती है.