अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित बिहार की श्रेयसी सिंह को कितना जानते हैं?

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अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित बिहार की श्रेयसी सिंह को कितना जानते हैं?

अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित बिहार की श्रेयसी सिंह को कितना जानते हैं?

पटना। जमुई की मूल निवासी श्रेयसी सिंह को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. स्टार निशानेबाज श्रेयसी सिंह को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया. वो बिहार की चौथी और पहली महिला खिलाड़ी हैं, जिन्हें ये सम्मान मिला. इससे पहले फुटबॉलर सी. प्रसाद, एथलीट शिवनाथ सिंह, और राजेश सिंह (नौकायन) को अर्जुन पुरस्कार मिल चुका है.

बिहार की चौथी और पहली महिला खिलाड़ी

श्रेयसी सिंह ने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत कर अर्जुन पुरस्कार का हकदार बनीं. श्रेयसी का जन्म 29 अगस्त 1991 में हुआ था. श्रेयसी दिल्ली के हंसराज कॉलेज की छात्रा हैं और वहीं शूटिंग की ट्रेनिंग लेती हैं. वे बतौर शूटर नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व करती आ रही हैं. मगर उनकी कामयाबी इसलिए अहम हो जाती है कि वो बिहार की चौथी और पहली महिला खिलाड़ी हैं. अक्सर बिहार में होने वाले अपराध की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होता है. इसलिए खेल में कोई भी कामयाबी, बड़ी हो जाती है.

‘इससे बड़ा सम्मान कोई हो नहीं सकता’

अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित बिहार की श्रेयसी सिंह को कितना जानते हैं?

श्रेयसी के दादा कुमार सुरेंद्र सिंह और पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह अपने पूरे जीवन राष्ट्रीय रायफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे. बिहार की चौथी और पहली महिला खिलाड़ी श्रेयसी के जमुई के गिद्धौर स्थित पैतृक गांव सहित जमुई और पूरे राज्य में खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों में जश्न का माहौल है. जमुई स्थित पैतृक घर पर बधाई देनेवालों का तांता लगा हुआ है. लोगों ने एक दूसरे को रंग-अबीर और मिठाइयां खिलाकर बधाइयां दी. अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित श्रेयसी सिंह ने कहा कि इससे बड़ा सम्मान कोई हो नहीं सकता. ये मुकाम हासिल करने में उनके पिता की बड़ी भूमिका रही. उनके जाने के मां ने पिता की कमी महसूस नहीं होने दी. श्रेयसी की मां और पूर्व सांसद पुतुल सिंह ने कहा कि देश के लिए पदक जीतना और फिर प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार अवार्ड हासिल कर श्रेयसी ने अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि दी.

निशानेबाज श्रेयसी सिंह का करियर

अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित बिहार की श्रेयसी सिंह को कितना जानते हैं?

  • 2010 के दिल्ली कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में श्रेयसी ने सबसे पहले रजत पदक जीता. उसी साल श्रेयसी ने दिल्ली में ही राष्ट्रमंडल खेलों में सिंगल्स और डबल ट्रैप में भाग लिया.
  • 2013 में मैक्सिको में आयोजित ट्रैप शूटिंग वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की सदस्य के रूप में वो 15वें पायदान पर रहीं.
  • 2014 में स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने शूटिंग में रजत पदजक जीता.
  • 2014 में इंचियोन में आयोजित एशियाड में श्रेयसी सिंह ने कांस्य पदक जीता.
  • 2017 में ब्रिसबेन में आयोजित कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में डबल ट्रैप में श्रेयसी ने रजत पदक जीता.
  • 2018 में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में श्रेयसी को वो सफलता मिली, जिसका उन्हें सालों से इंतजार था. डबल ट्रैप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता.

बिहार की चौथी और पहली महिला खिलाड़ी फिलहाल 2020 ओलंपिक में क्वालीफाई करने पर ध्यान केंद्रीत कर रही हैं. ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना और खेलों के सर्वोच्च पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पाना श्रेयसी का सपना है. इसी साल 29 अगस्त को खेल दिवस के मौके पर राज्य सरकार की ओर से बिहार की चौथी और पहली महिला खिलाड़ी श्रेयसी को राज्य श्रेष्ठ सम्मान मिला था. नए खिलाड़ियों के बारे में श्रेयसी ने कहा कि मेहनत करनेवालों की कभी हार नहीं होती. फिलहाल श्रेयसी दिल्ली में हैं और अपनी शूटिंग प्रैक्टिस पर फोकस कर रही हैं. श्रेयसी ने कहा कि दशहरा के मौके पर अपने गांव जमुई की गिद्धौर जाएंगी.

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