The accidental prime minister: मुझे तो डॉक्टर साहेब भीष्म जैसे लगते हैं…

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The accidental prime minister: मुझे तो डॉक्टर साहेब भीष्म जैसे लगते हैं...

The accidental prime minister: मुझे तो डॉक्टर साहेब भीष्म जैसे लगते हैं…

दिल्ली। क्या मनमोहन सिंह वाकई कांग्रेस के भीष्म पितामह थे? ये सवाल The accidental prime minister फिल्म के डायलॉग से उठे हैं. फिल्म के ट्रेलर की शुरुआत ही यहीं से होती है. 2019 के चुनाव में सबकुछ दांव पर है. लगता है इसमें फिल्म को भी घुसा दिया गया है. क्या अब फिल्में भी चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई और रीलिज होने लगी है? मनमोहन सिंह पर बनी ये फिल्म संजय बारू की किताब पर आधारित बताई जा रही है. ये वही संजय बारू हैं जो 2004 से 2008 तक मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार थे.

The accidental prime minister के डायलॉग्स

    • मुझे तो डॉक्टर साहेब भीष्म जैसे लगते हैं. जिनमें कोई बुराई नहीं है, पर फैमिली ड्रामा के विक्टिम हो गए.
    • महाभारत में दो फैमिलीज थी, इंडिया में तो एक ही है.
    • 100 करोड़ की आबादी वाले देश को कुछ गिने-चुने लोग चलाते हैं. ये देश की कहानी लिखते हैं.
    • पीएम के लिए काम करता हूं, पार्टी के लिए नहीं. लेकिन पीएम तो पार्टी के लिए काम करते हैं बारू…
    • प्राइम मिनिस्टर को क्या करना है ये एनएसी तय करेगी, इनकी समझ में आएगा?
    • पीएमओ मिन्स बिजनेस?…न..न..सर…द डॉक्टर सिंह मिन्स बिजनेस.
    • देश की विकास के लिए हमको न्यूक्लियर एनर्जी चाहिए. ये पार्टी के लिए एसेप्टेबल नहीं है.
    • न्यूक्लियर डील की लड़ाई हमारे लिए पानीपत की लड़ाई से भी बड़ी थी.
    • सरकार देश की न्यूक्लियर आजादी का सौदा कर रही है. मैं देश को बेचूंगा…?
    • मैं कश्मीर का हल ढूंढना चाहता हूं.
    • अगर आप पाकिस्तान के साथ शांति का समझौता करेंगे तो नए प्राइम मिनिस्टर क्या करेंगे?
    • पूरी दिल्ली की दरबार में एक ही तो खबर थी कि डॉक्टर साहेब को कुर्सी से कब हटाएंगे और कब पार्टी राहुल जी का अभिषेक करेगी.
    • अब लड़ाई पीएम वर्सेज पार्टी बन गई थी. चुनाव अभियान राहुल लीड करेगा…
    • सर यही मौका है आपको ऑथोरिटी दिखाने का. जीत… आपकी जीत है पीएमओ आपका टर्फ है.
    • और कितना बदनाम होगी पार्टी? आप कुछ बोलते क्यों नहीं? मुझे कोई क्रेडिट नहीं चाहिए. मुझे अपने काम से मतलब है. क्योंकि मेरे लिए देश पहले आता है.
    • मैं रिजाइन करना चाहता हूं. एक के बाद दूसरा करप्शन स्कैंडल्स. इस माहौल में राहुल कैसे टेक ओवर कर सकता है?

संजय बारू की किताब पर फिल्म

The accidental prime minister फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू की किताब पर आधारित है. एक विवादास्पद किताब को कैसे लेना है और उस पर किस तरह की फिल्म बनानी है ये विजय गुट्टे और अनुपम खेर से सीखा जा सकता है. ये तब और ज्यादा फायदेमंद होगा जब दुनिया के सबसे लोकतंत्र के चुनावों से ठीक पहले फिल्म को रीलिज किया जाए. फिल्म के ज्यादातर एक्टर गांधी-नेहरु परिवार का किरदार निभा रहे हैं. जबकि मनमोहन सिंह की भूमिका में अनुपम खेर हैं.

किसका फायदा, किसका नुकसान?

The accidental prime minister में अनुपम खेर, जो सत्ताधारी दल के प्रति अपनी निष्ठा के लिए जाने जाते हैं. उनकी पत्नी किरण खेर बीजेपी सांसद भी हैं. मनमोहन सिंह के रंग-ढंग को सही तरीके से पेश करते नजर आ रहे हैं. The accidental prime minister के ट्रेलर में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी दिखाया गया है. नीली पगड़ी और सफेद दाढ़ी में कठपुतली की तरह घूम रहे अनुपम खेर दर्शकों से ये कहने की कोशिश कर रहे हैं कि 2004 से 2014 तक ‘रूलिंग फैमिली’ ने एक तरह का अत्याचार किया. 11 जनवरी को फिल्म रिलीज हो रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 चुनाव के लिए कैंपेन भी जनवरी से ही शुरू कर रहे हैं. नफा-नुकसान का फिलहाल आकलन करना जल्दबाजी होगा.

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