इंटरनेशनल लेवल शिक्षा के क्षेत्र पर होने वाली में ओलंपियाड लेवल-2 में 11 साल के उत्कर्ष ने न केवल अपनी प्रतिभा दिखाई है, बल्कि देश का नाम रोशन (utkarsh got medals) किया है। उत्कर्ष सिंह ने ओलंपियाड लेवल-2 की शिक्षा प्रतियोगिता में 5 गोल्ड समेत 8 मेडल हासिल किया है। इस परीक्षा में उत्कर्ष सिंह ने इंटरनेशनल लेवल में 2 गोल्ड और 2 ब्रॉन्ज मेडल हासिल किये।
11 साल के उत्कर्ष को 8 मेडल
नेशनल लेवल पर 1 गोल्ड और स्टेट लेवल पर दो प्रतियोगिताओं में अव्वल रहा।
11 साल के इस नन्हें प्रतिभा ने गणित, अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान विषय में ये उपलब्धि हासिल की। वहीं अगर विषयवार बात करें तो गणित में उत्कर्ष का इंटरनेशनल रैंक 102, नेशनल रैंक 101 और स्टेट रैंक 4 रहा। सामान्य ज्ञान विषय में उत्कर्ष का इंटरनेशनल रैंक 35वां, नेशनल में भी 35वां और स्टेट रैंक में टॉप रहा। वहीं अंग्रेजी विषय में इंटरनेशनल रैंक 9वां, नेशनल में 8वां और स्टेट में टॉप रहा।
बता दें कि ओलंपियाड एक तरह की शिक्षा परीक्षा है, जिसमें विश्वभर के छात्र अपनी प्रतिभा दिखाते हैं।
प्रतिभा को विशेष तैयारी की जरूरत नहीं
कहते हैं किसी भी जीत के लिए तैयारी की जरूरत होती है। इस बात में कोई संदेह नहीं है, लेकिन इसी दुनिया में कुछ ऐसे प्रतिभावान हैं जो इस कहावत को कई बार झूठा साबित कर चुके हैं। उत्कर्ष सिंह भी उन्हीं प्रतिभाओं में शामिल है जिसने एक बार फिर इसे गलत साबित कर दिया है।
2 दिनों की मेहनत का कमाल
ऐसा कहने की वजह ये है कि अपने पिता सुजीत कुमार सिंह के तबादले की वजह से उसे इस परीक्षा की तैयारी के लिए महज दो दिनों का वक्त मिला। लेकिन इसी दो दिनों की मेहनत को 11 साल के इस नन्हें प्रतिभा ने अपनी जीत में बदल दिया।
माता-पिता बच्चे की सफलता से हैं काफी खुश
उत्कर्ष सिंह के पिता सुजीत कुमार सिंह, जो NHPC में सीनियर मैनेजर (सिविल) के पद कार्यरत हैं, अपने बच्चे की सफलता पर काफी खुश हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपने बच्चे की सफलता की उम्मीद तो थी, लेकिन इतनी अच्छी रैंकिंग के बारे में उन्होंने सोचा नहीं था। उत्कर्ष के पिता ने इस सफलता का श्रेय अपने बच्चे के दादा स्व. अवधेश कुमार सिंह को दिया। उनका कहना था कि उनके बच्चे की सफलता के पीछे उसके दादा का आशीर्वाद है।
परिवार में भी खुशी
वहीं उत्कर्ष की माता अपराजिता सिंह जो कि एक हाउस वाइफ हैं और वो भी अपने बच्चे की इस सफलता से काफी खुश नजर आ रही हैं। हालांकि अपने बच्चे की पढ़ाई के पीछे वो भी लगातार मेहनत करती रहती हैं।