वाह सुनील बाबू,…नया घर…नई कार ! लोन की EMI कितनी बढ़ी?

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नई कार और नया घर लिया

नई कार और नया घर लिया

दिल्ली। विज्ञापन वाले सुनील बाबू ने नई कार और नया घर लिया…तो खर्च में कोई कमी नहीं की। दीवारें बोल सकें इसलिए JK वालपुट्टी लगवाया। रंग-रोगन के लिए एशियन पेंट्स खरीद लाए ताकि हर घर की तरह उनका घर भी कुछ कह सके।

नई कार और नया घर लिया

और तो और बीमा भी कराया ताकि वो उसे पूरी तरह एंज्वॉय कर सकें…जीवन के साथ भी-जीवन के बाद भी। उनकी इस तत्परता को देख वाह-वाह भी खूब हुई। लेकिन अब बेचारे सुनील बाबू को हाजमोला की सेवाएं लेनी पड़ रही हैं क्योंकि घर का खाया-पीया नहीं पच रहा। ‘वाह सुनील बाबू,…नया घर नई कार’ बोलनेवाले अब उनसे ये पूछने में लगे हैं कि लोन की EMI कितनी बढ़ी?

लोन की EMI कितनी बढ़ी?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने तीसरी मौद्रिक समीक्षा में इस बार रेपो रेट्स और रिवर्स रेपो रेट्स में 25 बेसिस प्वाइंट का इज़ाफा कर दिया है। रेपो रेट्स वो दर है जिस दर पर सभी बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं। इसका सीधा मतलब ये है कि जब बैंकों को महंगा कर्ज मिलेगा तो वो उसका बोझ ग्राहकों पर ही डालेंगे।

जाहिर है ऐसे में सुनील बाबू के लिए मुश्किलें तो बढ़ेंगी। आइये जानते हैं अगर बैंक भी ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इज़ाफा करते हैं तो सुनील बाबू के लोन की EMI कितनी बढ़ेगी ? सुनील बाबू ने 30 लाख का लोन 20 साल के लिए लिया था…अभी तक उन्हें 8.5% की दर से 26 हजार 34 रुपये की EMI देनी पड़ती थी लेकिन अब उन्हें 8.75% की दर से हर महीने 26 हजार 511 रुपये भरने पड़ेंगे।

जाहिर है सुनील बाबू की जेब पर प्रति महीने 477 रुपये का बोझ बढ़ जाएगा। जबकि कुल 1 लाख 14 हजार 480 रुपये की बढ़ी रकम उन्हें ब्याज के रुप में चुकानी होगी।

सुनील बाबू हिसाब-किताब में लगे

फिलहाल सुनील बाबू हिसाब-किताब में लगे हैं…कितने पैसे कहां से जोड़ें, कितने कहां से काटें… लेकिन सरकार का हिसाब सिर्फ आवक का है। जुलाई महीने में जीएसटी कलेक्शन 96 हजार 483 करोड़ का रहा है। रिजर्व बैंक ने इस वित्तीय वर्ष में वृद्धि का अनुमान 7.4% पर बरकरार रखा है जबकि मुद्रास्फीति के 4.8% पर रहने की संभावना जताई है।

वहीं सुनील बाबू के लिए नया घर और नई कार अब बढ़िया साबित नहीं हो रही। ये भी लग रहा है कि जल्द ही सुनील बाबू की फर्राटा भरनेवाली कार अब झटके लेगी, जल्द पिकअप नहीं पकड़ेगी, धुआं ज्यादा छोड़ेगी और अक्सर पंक्चर हो जाया करेगी। लेकिन सरकार को क्या….मने जनता पस्त, सरकार मस्त

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