दिल्ली। UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2017 का रिजल्ट आ गया. हैदराबाद के अनुदीप डुरीशेट्टी ने टॉप किया है. दूसरे नंबर पर रोहतक की अन्नु कुमारी और तीसरे नंबर पर सचिन गुप्ता को कामयाबी मिली. जबकि बिहार के अतुल प्रकाश को चौथा स्थान मिला.
अनुदीप डुरीशेट्टी ने टॉप किया
टॉप करनेवाले अनुदीप ओबीसी कैटेगरी से आते हैं. तेलंगाना के जगतियाल जिले के मेटपल्ली कस्बे के रहनेवाले हैं अनुदीप. आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर रिजल्ट देख सकते हैं.
UPSC में टॉपर बनने पर अनुदीप ने कहा कि मेरा टॉपर बनने का सफर आसान नहीं था. उन्होंने अपनी इस सफलता पर उन सभी लोगों को शुक्रिया कहा, जिन्होंने उनका सहयोग किया.
I am really happy to get this result today. I am grateful to all the people who supported me throughout. It wasn’t an easy journey, but i am happy to be here: Durishetty Anudeep, Topper of UPSC Civil Services 2017 examinations. pic.twitter.com/lpAIEh9uVn
— ANI (@ANI) April 27, 2018
फिलहाल IRS हैं अनुदीप डुरीशेट्टी
अनुदीप डुरीशेट्टी ने बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी एंड साइंसेज, पिलानी (बिट्स पिलानी) से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में ग्रेजुएशन किया है. फिलहाल वो भारतीय राजस्व सेवा यानी आईआरएस में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर तैनात हैं.
साल 2013 में यूपीएससी एग्जाम में अनुदीप को 790वीं रैंक मिली थी. मगर इस बार वो टॉप कर गए. अनुदीप के सोशल मीडिया प्रोफाइल से पता चलता है कि वो स्विस स्टार रोजर फेडरर के बहुत बड़े फैन हैं.
कुल 990 अभ्यर्थियों को मिली कामयाबी
यूपीएससी की परीक्षा पिछले साल 28 अक्टूबर को हुई थी. ये परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और केंद्रीय सेवाओं के लिए आयोजित की गई थी. यूपीएससी फाइनल परीक्षा 2017 में कुल 990 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. सफल होनेवालों में 750 पुरुष और 240 महिलाएं हैं. इनमें जेनरल कैटेगरी से 476, अति पिछड़ा वर्ग के 275, अनुसूचित जाति से 165 और अनुसूचित जनजाति से 74 उम्मीदवारों को कामयाबी मिली.
11 लाख उम्मीदवार होते हैं शामिल
परीक्षा में सेलेक्टेड उम्मीदवारों के नंबर अगले 15 दिनों में जारी कर दिए जाएंगे. फरवरी 2018 में उम्मीदवारों को पर्सनालिटी टेस्ट हुआ था. हर साल आयोजित होनेवाली इस इम्तिहान में 11 लाख से ज्यादा उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं. मगर तीन चरण में परीक्षा के बाद एक हजार से भी कम छात्रों को कामयाबी मिलती है.
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