दिल्ली। फेसबुक डाटा लीक मामले में फंसी ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका बंद हो गई. ब्रिटेन और अमेरिका में खुद को दिवालिया घोषित करने का एप्लीकेशन भी दिया है.
कैंब्रिज एनालिटिका बंद
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि ये तय किया गया है कि अब कारोबार में बने रहने की कोई संभावना नहीं है. कंपनी पर फेसबुक के करोड़ों यूजर्स की निजी जानकारी का दुरुपयोग करने का आरोप है.
कर्मचारियों को कंप्यूटर लौटाने को कहा
कैंब्रिज एनालिटिका की पैरेंट कंपनी एससीएल के ग्रुप संस्थापक नाइजेल ओक्स ने इसकी पुष्टि की. कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कम्प्यूटर लौटाने को कहा है. मार्च में ही कंपनी के सीईओ एलेक्जेंडर निक्स को सस्पेंड कर दिया गया था.
निक्स ने ऑन रिकॉर्ड दूसरे देशों के चुनावों को प्रभावित करने का बात स्वीकार की थी. इसके तकरीबन 2 महीने बाद ही कंपनी ने अपना कामकाज बंद करने का ऐलान किया.
ब्रिटेन के चैनल-4 के एक वीडियो में कंपनी के अधिकारी ये कहते हुए देखे गए थे कि ये साजिश और रिश्वतखोरी की मदद से नेताओं को बदनाम करते हैं.
ये भी पढ़ें: पाकिस्तान बन गया ‘गधों का देश’, आखिर ऐसा क्या हुआ…?
करोड़ों यूजर्स के अकाउंट में सेंधमारी
कैंब्रिज एनालिटिका ने करोड़ों फेसबुक यूर्जस के अकाउंट में सेंधमारी की थी. क्रिस्टोफर विली ने सबसे पहले इस मामले का खुलासा किया था. फेसबुक ने अप्रैल में इस बात को स्वीकार किया था कि 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स का डेटा में कैंब्रिज एनालिटिका ने सेंध लगाई थी.
भारत में कैंब्रिज एनालिटिका एससीएल इंडिया से जुड़ा है. ये लंदन के एससीएल ग्रुप और ओवलेनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) प्राइवेट लिमिटेड का साझा यूनिट है.
ये भी पढ़ें: किस्मत हो तो ढिल्लन भारद्वाज जैसी, 16 साल की उम्र में कमाए 9 करोड़
कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल सामने आने के बाद फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने माना था कि उनकी कंपनी से गलतियां हुई है. उन्होंने ऐसे इंतजाम करने का आश्वासन दिया था कि जिनसे थर्ड पार्टी एप्स के लिए लोगों की जानकारियां हासिल करना मुश्किल हो जाए.
भारत में भी ‘तीन-पांच’ करने का इल्जाम
2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कैंब्रिज एनालिटिका ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए काम किया था. हाल ही में कंपनी पर ये भी आरोप लगा था कि उसने 2014 में भारत के आम चुनावों को भी प्रभावित किया था.