दिल्ली। ट्विटर पर किसी को ब्लॉक करना भी अब कोर्ट की लड़ाई में तब्दील हो रहा है. कौन, किसे ब्लॉक करेगा और कब अनब्लॉक करेगा इस पर अब आप फैसला नहीं कर सकते हैं.
अब ऐसे मामले को भी कोर्ट से निपटारा मिलेगा. अगर ऐसा भारत में होने लगे तो जरा सोचिए क्या होगा. यहां तो नेताजी पर चल रहे केस को निपटाने के लिए अलग से फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने पड़ते हैं.
लाखों मामले कोर्ट में पेंडिंग है. मगर फिलहाल आप चैन की सांस ले सकते हैं कि ये मामला हिन्दुस्तान का नहीं बल्कि अमेरिका का है. मगर यही हाल रहा तो इसे इंडिया पहुंचने में भी देर नहीं लगेगी.
यहां तो एक से बढ़कर एक मुकदमेबाज भरे पड़े हैं. फिलहाल ये पूरा मामला अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से जुड़ा हुआ है.
डोनल्ड ट्रंप ब्लॉक नहीं कर सकते
अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अपने ट्विटर अकाउंट पर किसी भी यूजर को ब्लॉक नहीं कर सकते हैं. न्यूयॉर्क की अदालत ने ये फैसला सुनाया है. जज ने कहा कि ऐसा करना नागरिक अधिकारों का उल्लंघन है.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के नाइट फर्स्ट अमेंडमेंट इंस्टीट्यूट समेत कई दूसरे ट्वीटर यूजर्स ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी. मैनहटन की जज नाओमी रीइस ने इस मामले में फैसला सुनाया.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर ट्रंप किसी यूजर को ब्लॉक करते हैं तो नागरिक के फ्रीडम ऑफ स्पीच अधिकार का उल्लंघन होगा. जो संविधान के मुताबिक गलत होगा.
यूजर्स को ब्लॉक नहीं म्यूट करें
जज ने अपने फैसले में कहा कि अगर डोनल्ड ट्रंप किसी आलोचक का ट्वीट नहीं देखना चाहते हैं तो वो उसे म्यूट कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें उस व्यक्ति का ट्वीट नहीं दिखेगा.
हालांकि यूजर ट्रंप की प्रोफाइल देख सकता है. जज के मुताबिक सार्वजनिक जीवन जीनेवाले सभी लोगों को संविधान का पालन करना चाहिए.
हालांकि ट्रंप के वकीलों ने कहा कि जिस ट्विटर अकाउंट की शिकायत की गई है वो उनका पर्सनल अकाउंट है. ऐसे में ये नियम लागू नहीं होता.
मगर जज ने अपना फैसला ट्विटर यूजर्स के हक में दिया. 2009 में ट्विटर प्लेटफॉर्म पर आए डोनल्ड ट्रंप के करीब सवा 5 करोड़ फॉलोवर हैं. कुछ दिनों पहले ट्रंप की तरफ से काफी यूजर्स को ब्लॉक किया गया था.
इसके बाद बात बढ़ते-बढ़ते बढ़ती चली गई और आखिरकार कोर्ट में पहुंच गया.