दिल्ली। साउथ चाइना में चीन ने खूंटा गाड़ दिया है. मिसाइलें तैनात कर दी है. विवादित इलाके में अमेरिकी जहाजों ने उड़ान भरी थी. इसके बाद चीन ने अपनी वॉर शीप का सैन्य अभ्यास कराया.
मिसाइलें तैनात कर दी
फिर इस इलाके में निगरानी के लिए एंटी शिप क्रूज मिसाइलें और सतह से हवा में मार करनेवाले मिसाइल सिस्टम की तैनाती कर दी.
चीन का दावा है कि इस इलाके पर निर्विवाद रूप से उसी का हक है.
दावों को चीन ने किया खारिज
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साउथ चाइना पर एक ओर चीन अपना दावा करता है. उधर वियतनाम, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी अपना ठोकते रहते हैं.
मिसाइल की कथित तैनाती पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिइंग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
उन्होंने कहा कि नन्साहा द्वीप और इससे जुड़े द्वीप पर चीन का निर्विवाद रूप से आधिपत्य है.
वियतनाम और ताइवान अलग-अलग इस पर चीन के खिलाफ दावे करते हैं.
चीन के मुताबिक साउथ चाइना सी में चीन की गतिविधियां हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने के लिए है.
ये हमारा अधिकार है. मिसाइलों की तैनाती किसी देश के खिलाफ नहीं है.
साउथ चाइना सी पर अमेरिका का नजर
अमेरिका भी इस इलाके पर नजर टिकाए हुए है.
कुछ दिन पहले अमेरिकी एयरफोर्स के बमवर्षक विमानों ने
एक ट्रेनिंग मिशन के तहत साउथ चाइन सी के ऊपर उड़ान भरी थी.
हालांकि इसका खुलासा नहीं हो सका.
अमेरिकी अर्मी के एक ऑफिसर के मुताबिक अमेरिका के 2 बमवर्षक विमानों ने स्प्रैटली द्वीप समूह पर उड़ान भरी.
चीन ने स्प्रैटली की भौगोलिक विशेषताओं का इस्तेमाल कृत्रिम द्वीप समूह बनाने में किया है.
इनमें से कुछ को बीजिंग ने सैन्य सुविधाओं से लैश किया है.
हालांकि अधिकारी ने कहा कि चीनी सेना ने अमेरिकी विमान की राह में कोई बाधा उत्पन्न नहीं किया.
उनका कहना था कि चीन इन द्वीपों का इस्तेमाल साउथ चाइना सी पर अपना कंट्रोल स्थापित करने के लिए कर रहा है.
अमेरिकी विमानों के बाद चीन ने इस इलाके में अपनी जंगी जहाजों का अभ्यास कराया था.
अमेरिकी विमानों के बाद चीन ने इस इलाके में अपने जंगी जहाजों का अभ्यास किया था.
अब उनकी तैनाती भी कर दी.