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UN महासभा में 'ट्रंप' का इक्का, बांधे भारत की तारीफों के पुल

UN महासभा में ‘ट्रंप’ का इक्का, बांधे भारत की तारीफों के पुल

UN महासभा में 'ट्रंप' का इक्का, बांधे भारत की तारीफों के पुल

दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूनाइटेड नेशंस महासभा के 73वें सत्र में वर्ल्ड के तमाम नेताओं को संबोधित करते हुए भारत की तारीफों के पुल बांध दिए। उन्होंने लाखों लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर लाने के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत वो देश है जहां का समाज मुक्त है। उन्होंने कहा कि भारत के समाज ने ही लाखों लोगों को पोवर्टी लाइन से बाहर कर मध्यम वर्ग में ला खड़ा किया। ट्रंप मंगलवार को शुरू हुए जनरल डिबेट में दूसरी बार बोलते हुए ये बातें कहीं।

भारत की तारीफों के पुल

भारत की तारीफों के पुल बांधते हुए ट्रंप ने दूसरे देशों की भी तारीफ की. इसके अलावा सऊदी अरब के साहसिक और नये सुधारों का जिक्र किया और इजराइल के गणतंत्र की 70वीं जयंती का उदाहरण भी पेश किया। एक दिन पहले अपने संबोधन के बाद ट्रंप ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मित्र प्रधानमंत्री मोदी को उनका अभिवादन कहने के लिए बोला था और ये भी कहा था कि वो भारत से प्यार करते हैं।

कब तारीफ, कब आलोचना

ट्रंप ने भारत की तारीफों के पुल पहली बार नहीं बांधा. इससे पहले जनवरी 2018 में भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत की तारीफ की थी। तब उन्होंने कहा था कि भारत, रूस और चीन जैसे देशों के साथ काम करना अच्छी बात है ना कि बुरी। ये बातें उन्होंने रूस के साथ संबंध सुधारने की इच्छा की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कही थी।

जी-7 सम्मेलन में आलोचना

हालांकि भारत की तारीफों के पुल बांधने से पहले जून में उन्होंने जी-7 सम्मेलन में भारत पर निशाना भी साधा था और ये कहा था कि अमेरिका ऐसी गुल्लक है जिसे सभी लूट रहे हैं। उन्होंने इस दौरान ऐसे देशों से व्यापार तक खत्म कर लेने की चेतावनी भी दी थी। तब उन्होंने कहा था कि भारत कई प्रोडक्ट्स में 100 फीसदी तक शुल्क वसूलता है जो हम नहीं कर सकते।