दिल्ली। ‘अच्छे दिन’…याद है आपको. ये वही ‘अच्छे दिन’ है जिसे लाने के लिए मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने. ‘अच्छे दिन’ पर न जाने, 2014 में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितना भाषण दिए थे. गली-गली में टीवी पर ‘अच्छे दिन’ वाला भाषण गूंजा करता था. मोदी जी खुद भी अपनी भाषणों में दावा करते थे कि ‘अच्छे दिन’ आनेवाले हैं. अब फिल्म के गाने में ‘अच्छे दिन’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है.
फिल्म के गाने में ‘अच्छे दिन’
फिल्म ‘फन्ने खां’ 3 अगस्त को रिलीज होने जा रही है. अनिल कपूर, ऐश्वर्या रॉय बच्चन और राजकुमार राव लीड रोल में हैं. गीतकार इरशाद कामिल ने एक गाने के दो 2 वर्जन लिखे हैं. पहला- ‘मेरे अच्छे दिन कब आएंगे…’और दूसरा- ‘मेरे अच्छे दिन हैं आए रे…’इसे अमित त्रिवेदी ने गाया है और म्यूजिक भी दिया है. फिल्म के प्रोड्यूसर अनिल कपूर, राकेश ओमप्रकाश मेहरा और भूषण कुमार हैं. फिल्म के निर्देशक अतुल मांजरेकर हैं. करीब 11 दिन पहले ‘मेरे अच्छे दिन कब आएंगे’ गाने को यूट्यूब पर रिलीज किया गया. गाने को मोदी सरकार पर तंज के तौर पर देखा जाने लगा. 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नारे ‘अच्छे दिन’ दिन आएंगे से जोड़ा जाने लगा.
गाने का पहला वर्जन
https://www.youtube.com/watch?v=2AKR_uKj_08
अब गाने का दूसरा वर्जन भी रिलीज किया गया. इसके बोल हैं- ‘मेरे अच्छे दिन हैं आए रे…’दूसरा वर्जन के बाद सोशल मीडिया पर आरोप लगाए जाने लगा कि दबाव में गाने के बोल बदल दिए गए. हालांकि फिल्म से जुड़े लोगों का कहना है कि दूसरा वर्जन भी पहले से फिल्म में था. दबाव की बात गलत है.
गाने का दूसरा वर्जन
‘महंगाई डायन’ के बाद ‘अच्छे दिन’
दरअसल कांग्रेस की सरकार ‘अच्छे दिन’ नहीं ला पाई थी मोदी जी ने वादा किया था कि वोट दीजिए ‘अच्छे दिन’ आ जाएंगे. मोदी जी अपनी भाषणों में बार-बार ‘अच्छे दिन’ को दोहराया करते थे. अब तक ये ‘अच्छे दिन’ लोगों के जुबान पर चढ़ चुका था. ‘अच्छे दिन’ को लोग एक मुहावरे की तरह इस्तेमाल करने लगे. आज भी करते हैं. अब भला जब कोई शब्द पॉपुलर हो जाए, लोगों की जुबां पर चढ़ जाए तो शब्दों के जादूगर इसे ‘बाजार’ में उतारने से कैसे चूकते?
शब्दों के जादूगर ने इसे आवाज संगीत के साथ ‘मार्केट’ में लॉन्च कर दिया. ठीक उसी तरह जैसे ‘महंगाई’ शब्द को ‘पीपली लाइव’ फिल्म में उतार दिया था. तब ना जब चैनल वाले ‘महंगाई डायन’ गाने को अपने चैनल पर चढ़ा देते थे फिर निश्चिंत. रेटिंग गिरने का सवाल ही नहीं था. हालांकि अब तक ‘अच्छे दिन’, चैनलों पर वैसा नहीं बज रहा है जैसा ‘महंगाई डायन’ बजा करता था. मगर एक गाने से दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी को क्या फर्क पड़नेवाला? ऐसा आपको लग रहा है, मगर पार्टी को फर्क पड़ता है. ऐसा पार्टी वाले सोचते हैं. आप सोचे या न सोचे.
‘अच्छे दिन’ गाने पर माहौल गर्म हो गया है. आगे भी अभी और गरमाने वाला है. तब बीजेपी ‘महंगाई डायन’ गाने को ‘अपना’ मान लिया था. अब कांग्रेस वाले ‘अच्छे दिन’ गाने को ‘अपना’ मानने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि अब तक इस ‘अपना’ मानने के खेल में सियासत के बड़े खिलाड़ी नहीं उतरे हैं. जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आएगा ऐसे गाने आपको अभी और सुनने को मिलेंगे. थोड़ा सा इंतजार कीजिए. जैसा आपने 2014 में ‘महंगाई’ गाने का मजा लिया था, उम्मीद है ‘अच्छे दिन’ गाने का आप उतना ही मजा लेने वाले हैं.
दिग्विजय सिंह का वार
सियासत के माहिर खिलाड़ी कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह को ‘मेरे अच्छे दिन कब आएंगे’ वाला वर्जन इतना पसंद आया कि उन्होंने ट्विटर पर लिख दिया कि ”2019 के चुनाव में भाजपा का यब थीम सॉन्ग होना चाहिए”. दिग्विजय सिंह ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि ”एक समाचार पत्र में पढ़ा है कि गाने के बोल को बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है. उन्हें एकजुट रहना चाहिए और गाने के बोल नहीं बदले जाने चाहिए”. उन्होंने कहा कि ”फिल्म फन्ने खां के प्रोड्यूसर्स, म्यूजिक डायरेक्टर और अनिल कपूर को बधाई देते हैं, बहुत अच्छा गाना बनाया है. मोदी जी ने 2014 में ‘अच्छे दिन’ का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया”.
https://t.co/AER9gbCyh4
२०१९ के चुनाव का भाजपा का यह Theme Song होना चाहिए।— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 31, 2018
बीजेपी का पलटवार
दिग्विजय सिंह के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि ”देश के लिए तो अच्छे दिन लगातार आ रहे हैं. देश की जनता खुश है. लेकिन कांग्रेस और दिग्विजय सिंह के लिए अच्छे दिन नहीं आनेवाले हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस हारने जा रही है. 2019 में कांग्रेस को 44 सीट भी नहीं मिलेगी और ये इतिहास में अपनी सबसे कम सीटें हासिल करेगी”. उन्होंने कहा कि ”ये कोई तंज नहीं बल्कि वे अपनी बौखलाहट और दशा को देश के सामने रख रहे हैं. कांग्रेस जिस राज्य में है वहां भी हारने जा रही है. कांग्रेस के लिए अच्छे दिन कभी नहीं आनेवाले”.
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