दिल्ली। सरकार के चार साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रिपोर्ट कार्ड ओडिशा के कटक में जाकर जारी किया। इसके साथ ही सियासी गलियारों में एक चर्चा भी तेज हो गई है कि पीएम मोदी 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना संसदीय क्षेत्र बदल सकते हैं। कटक में रिपोर्ट कार्ड जारी करने के बाद यह चर्चा तेज हैं कि पीएम मोदी ओडिशा के पुरी से 2019 का चुनाव लड़ सकते हैं।
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पुरी में प्रधानमंत्री मोदी के लिए की जा रही तैयारी?
हालांकि इसे लेकर पार्टी की ओर से अधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। लेकिन 2019 में पीएम मोदी वाराणसी और वडोदरा से चुनाव लड़े थे। बाद में उन्होंने वडोदरा की सीट खाली कर दी थी।
पुरी से चुनाव लड़ने की बात तो अभी भविष्य के गर्भ में है। लेकिन तैयारियों को देख संकेत मिल रहे हैं कि पीएम मोदी यहां से अपनी किस्मत अजमा सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि पीएम के चुनाव लड़ने की तैयारी संगठनात्मक स्तर पर जोरों से तैयारी की जा रही है। इसी वजह से पीएम ने इस बार कटक जाकर रिपोर्ट कार्ड जारी किया। अभी पुरी से बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा सांसद हैं।
ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पर नजर
Odisha Government has misled the people of the state on the waters of the Mahanadi. Besides that, their efforts to improve irrigation for farmers is dismal.
BJP will do justice to the farmers of Odisha. pic.twitter.com/zDU0OPbWS3
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2018
दरअसल, इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि ओडिशा में पार्टी की जनाधार कम है। 2014 के लोकसभा चुनाव में ओडिशा से बीजेपी के मात्र छह सांसद जीते थे।
ऐसे में पार्टी की रणनीति है कि पिछले चुनावों में जिन जगहों पर पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा था, वहां वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी की जाए। जिसमें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
क्योंकि इन राज्यों में अभी बीजेपी के लिए बहुत संभावनाएं हैं। इन चार राज्यों में बीजेपी की सरकार भी नहीं है। आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ गठबंधन की सरकार थी, लेकिन अब टीडीपी एनडीए से अलग हो गई है। ऐसे में पार्टी इन राज्यों में अपने बूते खड़ा होना चाहती है।
भगवान विष्णु और कृष्ण का फिट बैठ रहा कनेक्शन
Great enthusiasm at the rally in Cuttack. pic.twitter.com/1N6uV4DmnN
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2018
पार्टी द्वारा लगातार की जा रही कसरत का नतीजा पश्चिम बंगाल में हुए निकाय चुनाव के दौरान देखने को भी मिला है। बीजेपी यहां दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी थी।
ऐसे में कहा यह जा रहा है कि पुरी का धार्मिक महत्व भी बहुत है। अगर पीएम मोदी यहां से चुनाव लड़ते हैं तो एक धार्मिक संदेश भी जाएगा। जैसे वाराणसी से चुनाव लड़ने के बाद हुआ था।
पुरी को भगवान विष्णु से जोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान विष्णु के कृष्ण रूप की पूजा होती है। पीएम मोदी का गृह राज्य गुजरात का द्वारका भी कृष्ण से जुड़ा एक अहम तीर्थस्थल है।
इसके साथ हीं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भगवान विष्णु के ठाकुर के रूप में पूजा होती है। ऐसे में भगवान कृष्ण के सहारे बीजेपी लोगों को खुद से जोड़ने की कोशिश करेगी।
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