/‘जब दिल टूट ही गया’ वाले सहगल रामलीला में बनते थे सीता, बिना पिए नहीं करते थे गाने की रिकॉर्डिंग

‘जब दिल टूट ही गया’ वाले सहगल रामलीला में बनते थे सीता, बिना पिए नहीं करते थे गाने की रिकॉर्डिंग

केएल सहगल हिंदुस्तानी पार्श्वगायन मतलब प्लेबैक सिंगिंग के पहले जाने-माने चेहरे थे। 1930 से लेकर 50 तक में लाख कोशिशों के बावजूद उनके वक्त के दूसरे पार्श्वगायक उनकी बराबरी न कर सके।

सहगल रामलीला में बनते थे सीता

कहा जाता है कि अगली पीढ़ी के मुकेश, किशोर और रफी जैसे गायक भी शुरुआत में उनकी ही नकल करके स्थापित हुए।

उनके जीवन से जुड़ी ऐसे ही कुछ अनसुने किस्से के बारे में आपको बताएंगे जिससे आप अनजान होंगे।

1938 में फिल्म स्ट्रीट सिंगर की शूटिंग के वक्त की एक घटना है।

इस फिल्म में केएल सहगल नायक थे और अपने गीतों को हमेशा की तरह अपनी आवाज दे रहे थे।

उस वक्त स्टूडियो में गाने की रिकॉर्डिंग होने लगी थी। लेकिन इस फिल्म में केएल सहगल की

भूमिका सड़क पर गाने वाले एक गवइये की थी, इसलिए इस गीत को उन्होंने सड़क पर चलते हुए गाया था।

गीत के बोल थे ‘बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाए’, जो उन्होंने अंग्रेजों के द्वारा लखनऊ से निकाल दिए जाने के बाद

अपने घर के बिछोह में लिखी और गाई थी।

अर्थी के साथ बजा ये गाना

इसके साथ ही उनकी जिंदगी के अनसुने किस्से में दूसरी कहानी यह है कि फिल्म शाहजहां के दो गीत को आवाज केएल सहगल ने दी थी। जिसमें ‘गम दिए मुस्किल’ औऱ ‘जब दिल ही टूट गया’ दो ऐसे गाने थे जो आज भी लोगों को याद हैं।

उन्होंने ‘जब दिल ही टूट गया हम जीकर क्या करेंगे’ की रिकॉर्डिंग पूरी होने के बाद कहा था कि

उनकी अर्थी के साथ यही गाना बजाया जाएगा। केएल सहगल का निधन 1947 में सिर्फ 42 साल की उम्र में हो गई थी।

उनके बारे में एक और किस्सा प्रचलित है कि वे बिना पीए गाने की रिकॉर्डिंग के लिए नहीं जाते थे।

बताया जाता है कि म्यूजिक डायरेक्टर नौशाद साहब के कहने पर पहली फिल्म शाहजहां के लिए एक गीत गाया था।

जिसे ओके कर दिया गया था। उस गीत का ही नाम था कि ‘जब दिल ही टूट गया तो हम जीकर क्या करेंगे’।

वहीं, एक कहानी यह भी है कि 11 अप्रैल 1904 को जम्मू में जन्मे केएल सहगल की बचपन में

आवाज बहुत खराब हो गई थी, जिसके बाद वो बहुत दिनों तक चुप रहे थे।

बाद में फिर एक पीर के कहने पर उन्होंने गायकी को दोबारा शुरू किया।

कहा जाता है कि इस दौरान वे पढ़ाई छोड़ नौकरी के सिलसिले में घूमते रहे।

इसी दौरान फिर उन्हें गायकी का शौक चढ़ा और 30 के दशक में फिल्मी दुनिया में कदम रख दिया।

दरियादिली के कई किस्से मशहूर

केएल सहगल के दरियादिली के भी कई किस्से मशहूर हैं।

कहा जाता है कि एक बार एक बिजनेसमैन ने उन्हें अपने यहां गाने के बुलाया।

फीस तय हुई बीस हजार और सहगल ने हामी भारी दी। जरा सोचिए, उस वक्त बीस हजार रुपये की क्या कीमत थी।

ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि उनका क्या क्रेज रहा होगा।

वे जब उस बिजनेसमैन के यहां जाने की तैयारी कर रहे थे कि स्टूडियो के एक गरीब कर्मचारी ने

उन्हें अपनी बेटी की शादी में शरीक होने का न्यौता दिया। शादी उसी दिन थी।

सहगल साहब ने बीस हजार की परवाह किए बिना अपने स्टूडियो के कर्माचारी की बेटी की शादी में जाना कबूला।

वहां उन्होंने गाना भी खूब गाया।