नहीं रहे Mulayam Singh, सैफई में होगा उनका अंतिम संस्कार
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) का सोमवार को निधन हो गया। मुलायम 82 साल के थे। उन्हें संक्रमण, बीपी और सांस में दिक्कत के चलते 22 अगस्त को उन्हें मेदांता में भर्ती किया गया था। एक अक्टूबर की रात तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया। उनकी हालत तभी से नाजुक बनी हुई थी।
नहीं रहे Mulayam Singh
नेताजी का पार्थिव शरीर गुरुग्राम से लखनऊ लाया जाएगा। लखनऊ में उनका पार्थिव शरीर पहले विधानसभा और फिर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए पार्टी ऑफिस में रखा जायेगा। बाद में उनके पार्थिव शरीर को सैफई ले जाया जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती होने के बाद मुलायम सिंह (Mulayam Singh) से नेताओं का मिलने का सिलसिला लगातार जारी था। रविवार को नेताजी का हाल जानने के लिए राजा भैया भी मेदांता पहुंचे थे। इससे पहले आप सांसद संजय सिंह और उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष और दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री पंडित सुनील भराला ने भी अस्पताल पहुंचकर अखिलेश यादव से की मुलाकात थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर अखिलेश यादव को आश्वासन दिया था कि वे हर संभव मदद और सहायता देने के लिए मौजूद हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी नेताजी (Mulayam Singh) का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। वहीं लालू और तेजस्वी ने भी इस दौरान दो बार उनसे मुलाकात की थी। उनके बेटे अखिलेश के नेताजी के निधन की जानकारी देने के बाद पीएम मोदी से लेकर सभी मंत्री और नेता ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और दुख भी जता रहे हैं।
नेताजी की सफरनामा
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था। उनके पिता सुघर सिंह यादव एक किसान थे। नेताजी कहे जानेवाले मुलायम (Mulayam Singh) मौजूदा वक्त में मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद थे। उत्तर प्रदेश की राजनीति हो, देश की राजनीति, मुलायम प्रमुख नेताओं में गिने जाते रहे हैं। वो तीन बार उत्तरप्रदेश के सीएम रहे और वो केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा मुलायम सिंह 8 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद भी चुने जा चुके हैं।