नई दिल्ली। आखिरकार उन्नाव और कठुआ रेप मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुप्पी तोड़ दी है। पीएम ने दोनों घटनाओं को शर्मनाक बताते हुए कहा कि गुनहगारों को सख्त सजा दिलवाने में सरकार कोई कोताही नहीं होने देगी।
उन्नाव और कठुआ मामले पर पीएम ने तोड़ी चुप्पी
पीएम यहां भीमराव आंबेडकर की जयंती से एक दिन पहले शुक्रवार को
नई दिल्ली में डॉक्टर आंबेडकर नेशनल मेमोरियल में बोल रहे थे।
जिस तरह की घटनाएं हमने बीते दिनों में देखीं हैं, वो सामाजिक न्याय की अवधारणा को चुनौती देती हैं।
पिछले 2 दिनो से जो घटनाये चर्चा में है वो निश्चित रूप से किसी भी सभ्य समाज के लिये शर्मनाक है। एक समाज के रूप में, एक देश के रूप में हम सब इस के लिए शर्मसार है: PM— PMO India (@PMOIndia) April 13, 2018
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो दिनों से जो घटनाएं चर्चा में हैं वो किसी भी
सभ्य समाज में शोभा नहीं देती हैं, ये शर्मनाक है।
एक समाज के रूप में, एक देश के रूप में हम सब इसके लिए शर्मसार है।
देश के किसी भी क्षेत्र में होने वाली ऐसी घटनाए हमारी मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देती हैं.
उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि कोई अपराधी नहीं बचेगा।
Incidents being discussed since past two days cannot be part of a civilised society. As a country, as a society we all are ashamed of it. I want to assure the country that no culprit will be spared, complete justice will be done. Our daughters will definitely get justice: PM pic.twitter.com/4qY0znXXHM
— ANI (@ANI) April 13, 2018
पीएम ने कहा कि हम सबको मिलकर समाज की बुराइयों से लड़ना है।
उन्होंने कहा कि गुनहगारों को सख्त से सख्त सजा मिले ये हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस में कोई कोताही नहीं होने देगी, ये मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं।
In 2015, we strengthened the law against atrocities on Dalits. We have increased the number of crimes against Dalits enlisted in the law from 22 to 47: PM Narendra Modi in Delhi pic.twitter.com/hp06Act5rZ
— ANI (@ANI) April 13, 2018
दलितों पर भी तोड़ी चुप्पी
पीएम ने इस मौके पर दलित मुद्दे पर भी अपनी चुप्पी तोड़ी।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने एससी-एसटी एक्ट को मजबूत करने का काम किया है।
हमने 2015 में दलितों पर अत्याचारों के खिलाफ कानून (एससी-एसटी एक्ट) को मजबूत किया।
इस कानून में दलितों को और अधिकार दिए गए।