/मिशन 2019: कांग्रेस में सोनिया गांधी की जगह लेंगी प्रियंका गांधी!
कांग्रेस में सोनिया गांधी की जगह लेंगी प्रियंका गांधी!

मिशन 2019: कांग्रेस में सोनिया गांधी की जगह लेंगी प्रियंका गांधी!

कांग्रेस में सोनिया गांधी की जगह लेंगी प्रियंका गांधी!
दिल्ली। अमेठी और रायबरेली सीट पर अर्से से गांधी परिवार का कब्जा है। अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड़ते हैं। वहीं उनकी मां सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ती है। लेकिन खराब तबियत वजह से कहा जा रहा है कि 2019 में रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2019 में सोनिया गांधी की जगह प्रियंका गांधी चुनाव लड़ सकती है।

सोनिया गांधी की जगह प्रियंका गांधी!

कहा जा रहा है कि राहुल गांधी चौथी बार भी अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे। 2004 में राहुल गांधी ने वहां से पहली बार चुनाव लड़ा था, उसके बाद से वे लगातार जीतते आ रहे हैं। वहीं, इससे पहले राहुल के पिता राजीव गांधी भी यहीं से चुनाव लड़ते थे। 1981, 1984, 1989 और 1991 में वे लगातार चुनाव जीते हैं। राजीव गांधी से पहले यहां से संजय गांधी चुनाव लड़ते थे।

वहीं, 1999 में सोनिया गांधी भी यहीं से चुनाव लड़ी थीं। उसके बाद 2004 में उन्होंने यह सीट छोड़ दिया। उसके बाद से लगातार राहुल गांधी यहां चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, सोनिया गांधी 2004 में रायबरेली सीट से चुनाव लड़ीं थी। उसके बाद से वहां से वह लगातार जीतती आ रही हैं।

प्रियंका की सक्रिय राजनीति में एंट्री!

लेकिन खराब स्वास्थ्य की वजह से सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान बेटे राहुल गांधी को सौंप दिया। ऐसे में कहा जा रहा है कि वह अपनी दूसरी सीट प्रियंका गांधी को सौंप सकती हैं। उसके बाद प्रियंका गांधी की एंट्री भी सक्रिय राजनीति में हो जाएगी। इससे कांग्रेस का विस्तार भी होगा।

वहीं, पूर्व के चुनावों में प्रियंका गांधी अपने भाई और मां के लिए अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार करती रही हैं। साथ ही यूपी चुनाव के दौरान उन्होंने पर्दे के पीछे से अहम रोल प्ले किया था। लंबे समय से पार्टी के कार्यकर्ता भी प्रियंका गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने की मांग करते रहे हैं।

बदलेगी कांग्रेस की किस्मत?

वहीं, रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी की दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पांच बार चुनाव लड़ चुकी हैं। इंदिरा गांधी 1967, 1971, 1977, 1978 और 1980 में यहां से चुनाव लड़ चुकी है। लेकिन इमरजेंसी के दौरान 1977 में इंदिरा यहां से चुनाव हार गईं थी।

वहीं, प्रियंका के आने से कांग्रेस की किस्मत भी बदल सकती है। क्योंकि देश के लोगों के सामने प्रियंका का चेहरा एक नया विकल्प होगा। लोग राहुल गांधी और सोनिया गांधी को अजमा चुके हैं। प्रियंका की छवि पार्टी नेताओं के बीच अलग है।