दिल्ली। साल 2018 के आखिरी में राजस्थान में चुनाव होने हैं। लेकिन इस बार भाजपा के सिटिंग विधायकों की सीट पर खतरा है। ऐसे में पार्टी फिर से कर सकती है वापसी के लिए वर्तमान विधायकों में से 60 फीसदी विधायकों की छुट्टी! मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें कई विधायक अभी वर्तमान में मंत्री भी है। खबरों के मुताबिक किसे नामांकन का मौका मिले और किसकी छुट्टी हो, इसके मूल्यांकन के लिए पार्टी ने विधायकों के प्रदर्शन पर आंतरिक सर्वेक्षण किया है।
60 फीसदी विधायकों की छुट्टी!
दरअसल, राजस्थान में बीजेपी के पास वर्तमान में 200 सीटों की विधानसभा में 160 विधायक हैं। मीडिया से बात करते हुए राजस्थान बीजेपी के प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा है कि पार्टी केवल जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट देगी। उन्होंने यह भी कहा है कि विधायकों में बैठने के लिए कोई गलत धारणा नहीं होनी चाहिए। यदि उनका प्रदर्शन पार्टी के हिसाब से अच्छा नहीं रहा तो पार्टी उन्हें बदल सकती है। टिकट उनके प्रदर्शन और जनता के रुख के आधार पर दिया जाएगा। इसके साथ ही पार्टी राजस्थान में जातीय समीकरणों पर भी विचार करेगी।
सिटिंग विधायकों की सीट पर खतरा
गौरतलब है कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया इन दिनों गौरव यात्रा पर है। चुनाव से पूर्व इस यात्रा के जरिए वसुंधरा जमीनी हालात और लोगों की मूड को समझ रही हैं। इस दौरान वे करीब 150 विधानसभा क्षेत्रों की यात्रा करेंगी। ऐसे में वसुंधरा को मिले फीडबैक के आधार पर ही वर्तमान विधायकों के भाग्य पर फैसला होगा।
विधायकों के प्रदर्शन पर आंतरिक सर्वेक्षण
वहीं, भाजपा राजस्थान में 2008 के चुनाव में पहले भी ऐसा कर चुकी है। लेकिन उस वक्त हार का सामना करना पड़ा। 2008 के चुनावों में बीजेपी कांग्रेस से हार गई थी, जब राजे ने 61 मौजूदा विधायकों को टिकट देने से इनकार कर दिया था, जिन्होंने उन्हें 2003 में मुख्यमंत्री बनाया था। इनमें चार मंत्री भी शामिल थे। बीजेपी उन मजबूत कांग्रेस नेताओं को टक्कर देने की कोशिश में है, जिनके जीतने की संभावनाएं हैं। हाल ही में अलवर और अजमेर में लोकसभा के उपचुनाव में बीजेपी ने इन दोनों सीटों के बीच करीब 17 विधानसभा क्षेत्र गंवा दिए थे।