रांची। लालू प्रसाद को एक बार फिर ‘जेल यात्रा’ करनी पड़ेगी. वैसे लालू प्रसाद के जेल जाना कोई नई बात नहीं है, मगर फिलहाल उनकी तबीयत ठीक नहीं है. मेडिकल ग्राउंड पर ही उन्हें जमानत भी मिली हुई है. कई बार इसे कोर्ट ने बढ़ाया भी है. मगर इस बार कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. अब उन्हें 30 अगस्त तक सरेंडर करना ही होगा. लालू प्रसाद चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं.
30 अगस्त तक सरेंडर
चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाईकोर्ट से झटका लगा है. मेडिकल ग्राउंड पर जमानत बढ़ाने की याचिका कोर्ट में खारिज हो गई. कोर्ट ने लालू प्रसाद को 30 अगस्त तक सरेंडर करने को कहा है. इससे पहले कोर्ट ने 10 अगस्त को 20 अगस्त तक के लिए लालू की प्रोविजनल बेल बढ़ा दी थी. रांची के जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद की तबीयत खराब होने पर पहले रांची फिर बाद में दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. फिर बाद में कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें प्रोविजनल जमानत दे दी. फिलहाल लालू प्रसाद का इलाज मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट में चल रहा है.
IRCTC मामले में चार्जशीट दायर
लालू प्रसाद के वकील प्रभात कुमार के मुताबिक याचिका खारिज होने के बाद अब वो मुंबई से वापस रांची के राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) जाएंगे, जहां उन्हें सबसे भर्ती कराया गया था. वहीं दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशायल (ED) ने IRCTC के 2 होटलों का प्रबंधन ठेका एक निजी कंपनी को देने के मामले में गड़बड़ी करने के आरोप में आरोप पत्र दाखिल किया है. आरोपों के मुताबिक रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) द्वारा संचालित रांची और पुरी के 2 होटलों का ठेका सुजाता होटल्स को दिया गया. आरोप है कि इन होटलों के ठेके देने के बदले एक बेनामी कंपनी के जरिए पटना में तीन एकड़ का प्लॉट लिया गया.
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता
चारा घोटाले में चार मामलों में लालू प्रसाद सजायाफ्ता हैं. इनमें चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ की अवैध निकासी मामले में 5 साल की सजा हुई है. देवघर कोषागार से 84.53 लाख की अवैध निकासी मामले में साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख जुर्माना लगाया गया. फिर चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ की अवैध निकासी मामले में 5 साल की सजा सुनाई गई है. जबकि दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी मामले में 7-7 साल की सजा और 60 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है.