रांची। दुनिया की पहली रोबोट रांची में बन रही है जो हिन्दी, अंग्रेजी मराठी और भोजपुरी में बात करेगी. इसका नाम है रश्मि. रश्मि रोबोट से कहा गया कि तुम बदसूरत हो तो उसने तपाक से जवाब दिया…तुम भाड़ में जाओ. कहा गया कि आप बहुत सुन्दर हैं तो धन्यवाद कहने में जरा सी भी देर नहीं लगाई. जब रश्मि रोबोट से उसके पसंदीदा हीरो के बारे में पूछा गया तो उसने शाहरुख खान का नाम लिया. एकाध मुलाकात के बाद वो आपको नाम से पहचानने भी लगती है.
सोफिया का इंडियन वर्जन रश्मि
रांची के रंजीत श्रीवास्तव ने दुबई की नागरिकता हासिल करने वाली रोबोट सोफिया का इंडियन वर्जन विकसित किया है. जो 50 हजार के खर्च में 2 साल में विकसित की गई है. यह हावभाव बदलने और इमोश्नल बातें करने में एक्सपर्ट है. यानी आपके घर में अगर रश्मि रोबोट है तो आप उससे सलाह-मशविरा भी कर सकते हैं.
रश्मि रोबोट एक इमोश्नल डिवाइस
रंजीत का दावा है कि रश्मि दुनिया की पहली हिन्दी भाषी और सच्चा अहसास दिलाने वाली व्यवहार कुशल महिला रोबोट है. बातचीत के दौरान होठ भी हिलाती है. इस रोबोट में लिग्यूस्टिक इंटरप्रेटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, विजुअल डेटा और फेशियल रिकोगनिशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. इसकी वजह से रश्मि रोबोट एक इमोश्नल डिवाइस में तब्दील हो पाया है.
हिन्दी भाषी रोबोट होना बड़ी बात
रश्मि रोबोट के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में किसी भी हिन्दी भाषी रोबोट का बनना बड़ी बात है. आईएसएम धनबाद के डॉक्टर सोमनाथ ने इसे सोफिया का अपडेटेड वर्जन करार दिया है. करीब 15 वर्षों से सॉफ्टवेयर डेवलपर रंजीत ने इसे अगले 2 महीने में पूरी तरह डेवलप करने का दावा किया है. अभी इसके सिर और शरीर के सहित 80 फीसदी तक विकसित किए गए हैं. वे ठीक से काम कर रहे हैं. हाथों और पैरों को जोड़ने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
रंजीत के मुताबकि चेहरे, होंठ और भौं के जरिए अपनी एक्सप्रेशन करती है. बाद में जरुरत के मुताबिक यह अपनी गर्दन भी घूमा सकती है. रजीत के मुताबिक भविष्य में इस तरह की रोबोट की भारत में जरुरत पड़ेगी. यह रिसेप्शनिस्ट, असिस्टेंट और अकेले में रह रहे लोगों की अच्छी मित्र साबित होगी.