दिल्ली। रूस से भारत को S-400 मिसाइल सिस्टम मिल रहा है. इस हफ्ते भारत की यात्रा पर आ रहे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत से अहम समझौता होने की उम्मीद है. अमेरिका, रूस के साथ होने जा रहे इस अहम डील को लेकर पहले ही भारत पर बैन लगाने की धमकी दे चुका है. करीब 5 अरब डॉलर का ये रक्षा समझौता है.
S-400 मिसाइल सिस्टम
इंडियन एयर फोर्स ने S-400 मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण पहले ही कर लिया है. यह भारत के रक्षा क्षेत्र में गेमचेंजर साबित होगा. S-400 डिफेंस सिस्टम से फाइटर एयरक्राफ्ट, सर्विलांस एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को 400 मीटर के दायरे में दुश्मन के हवाइ क्षेत्र ही मार गिराने में सक्षम है. भारत की योजना रूस से पांच S-400 मिसाइल सिस्टम हासिल करने की है.
निशाने पर एक साथ 36 मिसाइल
एस-400 मिसाइल सिस्टम के दायरे में पाकिस्तान का पूरा हवाई क्षेत्र और चीन का कुछ हवाई क्षेत्र आएगा. हालांकि चीन के पास पहले से ही इस तरह का S-400 मिसाइल सिस्टम है. उसे तैनात भी कर रखा है. एस-400 मिसाइल सिस्टम के मिलने से एयरफोर्स की ताकत में कई गुना इजाफा हो जाएगा. S-400 मिसाइल सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. खासकर पाकिस्तान और चीन से हमले के स्थिति में भारत इस सिस्टम का बेहतर इस्तेमाल कर सकेगा. चीन के पास ये पहले से मौजूद है मगर अब ये हमें भी मिल जाएगा. युद्ध की स्थिति में चीन को टक्कर देने में आसानी होगी. चीन ने भी रूस से ही S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदा था.
एस-400 मिसाइल सिस्टम क्या है?
- S-400 Triumf एक विमान भेदी मिसाइल है.
- एस-400 Triumf 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई, जो न्यू एयर डिफेंस सिस्टम का हिस्सा है.
- इससे से विमानों, क्रूज, और बैलिस्टिक मिसाइलों और जमीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है.
- S-400 मिसाइल सिस्टम की मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती है.
- S-400 के पास अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट F-35 को गिराने की भी क्षमता है.
- इस डिफेंस सिस्टम की सबसे खासियत है कि एक साथ 36 मिसाइलों को दागा जा सकता है.
- S-400 की तैनाती के बाद हवाई हमले को आसानी से नकाम किया जा सकता है.
- मिसाइल से लेकर ड्रोन तक को मार गिराने की क्षमता S-400 मिसाइल सिस्टम में है.
- पाकिस्तान या चीन की न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों से भी S-400 बचाएगा
- S-400 मिसाइल सिस्टम एक तरह का मिसाइल शील्ड है.