दिल्ली। रूस और अमेरिका के झगड़ा में इंडिया का डील फंस सकता है. अमेरिका ने रूस के सैन्य निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. बैन की वजह से करीब 6 बिलियन डॉलर यानी 39 हजार 861 करोड़ रुपए की डिफेंस डील अटक सकता है.
सैन्य निर्यात पर प्रतिबंध
दो बड़े देशों की लड़ाई में सबसे ज्यादा नुकसान भारत को होता दिख रहा है. रूस से भारत लॉन्ग रेंज की 5 सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्टम एस-400 खरीदना चाहता है. अमेरिका ने एस-400 मिसाइल सिस्टम बनाने वाली कंपनी पर बैन लगा रखा है.
ये कंपनियां मंजूरी के तहत रूसी निर्यात सौदों पर बातचीत करती हैं. इंडियन आर्मी के मुताबिक ये सिस्टम सेना के लिए गेम चेंजर हो सकता है.
भारत टाल सकता है डिफेंस डील
डील से जुड़े दो अफसरों के मुताबिक 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इंटर गवर्मेंट डील के तहत सौदा किया था. अमेरिकी प्रतिबंध कानून के कारण ये टल सकता है.
इंडोनेशिया और वियतनाम अमेरिका के रीजनल सहयोगी होने के बावजूद रूस से हथियार खरीदते हैं. जकार्ता ने हाल ही में सुखोई फाइटर विमान खरीदने के लिए बड़ी डील की है. जबकि वियतनाम रूस से जेट फाइटर विमान खरीदने की तैयारी कर रहा है.
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डील की राह में कानून बना रोड़ा
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अगस्त में एक कानून पर साइन किया था. इसके मुताबिक रूस के डिफेंस और इंटेलिजेंस सेक्टर से कारोबार करनेवाले किसी भी देश को इस बैन का सामना करना पड़ेगा.
ये कानून रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को सजा देने के लिए बनाया गया है. रूस पर 2014 में क्रिमिया पर कब्जा करने, सीरिया की आपसी लड़ाई में शामिल होने और अमेरिका के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने का आरोप है.
हाल ही में अमेरिका द्वारा रूस के सहयोगी देश सीरिया में किए गए हवाई हमलों के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है. हालांकि भारत के साथ होनेवाली एस-400 की डील आपसी आत्मविश्वास और भरोसे पर निर्भर करेगा.