/CBI घूसखोरी मामला क्या है? वर्मा-अस्थाना विवाद में दांव पर ‘साख’

CBI घूसखोरी मामला क्या है? वर्मा-अस्थाना विवाद में दांव पर ‘साख’

CBI घूसखोरी मामला क्या है? वर्मा-अस्थाना विवाद में दांव पर 'साख'

दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI के भीतर ‘दंगल’ चल रहा है. 2 बड़े अफसरों की वजह से सुर्खियों में है. सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर घूसखोरी और फर्जीवाड़े का FIR दर्ज किया गया है. CBI के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना में पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा था. मामला दर्ज होने के बाद CBI ने राकेश अस्थाना के जिम्मेदारियों में बदलाव कर दिया है.

CBI के भीतर ‘दंगल’

सीबीआई के भीतर जारी ‘दंगल’ अब कोर्ट पहुंच चुका है. दिल्ली हाईकोर्ट ने CBI के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की गिरफ्तारी पर 29 अक्टूबर तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने तब तक आरोपी (राकेश अस्थाना) के मोबाइल और लैपटॉप समेत सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त करने को कहा है. 22 अक्टूबर को राकेश अस्थाना पर रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया गया है. होईकोर्ट ने फिलहाल राकेश अस्थाना की गिरफ्तारी पर तो रोक लगा दी मगर FIR को खारिज नहीं किया है.

CBI घूसखोरी मामला क्या है? वर्मा-अस्थाना विवाद में दांव पर 'साख'

क्या है रिश्वतखोरी कांड?

सीबीआई के भीतर ‘दंगल’ यूं ही नहीं चल रहा है. इसके बारे में जानना जरूरी है. दरअसल हैदराबाद के एक कारोबारी सतीश बाबू ने राकेश अस्थाना पर FIR दर्ज कराई है. FIR में कहा गया है कि अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच को रोकने के लिए तीन करोड़ रुपए की रिश्वत दी. अस्थाना पर साजिश और भ्रष्टाचार का इल्जाम लगाया गया है. सतीश बाबू ने दुबई में रहनेवाले मनोज प्रसाद के जरिए रिश्वत देने की बात कही है. मनोज प्रसाद ने सतीश बाबू से कहा था कि वो CBI में लोगों को जानता है और जांच को रुकवा सकता है. सतीश बाबू के खिलाफ जो जांच चल रही थी उसकी अगुआई राकेश अस्थाना कर रहे थे. यहीं से सीबीआई के भीतर ‘दंगल’ की शुरुआत होती है.

CBI का DSP गिरफ्तार

सीबीआई के भीतर ‘दंगल’ की वजह से मोइन कुरैशी मामला भी सुर्खियों में आ गया. मोइन कुरैशी मामले में जांच अधिकारी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया. CBI के मुताबिक डीएसपी देवेंद्र कुमार पर ने मोइन कुरैशी मामले में भ्रष्टाचार में राकेश अस्थाना का साथ दिया था. CBI ने देवेंद्र के घर और ऑफिस से छापेमारी में कुछ अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है. कोर्ट ने देवेंद्र को सात दिनों की CBI रिमांड में भेज दिया.

अस्थाना का वर्मा पर आरोप

CBI के भीतर ‘दंगल’ की शुरुआत वैसे को काफी पहले हो चुकी थी. दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिलने से पहले CBI के विशेष निदेशक रहे राकेश अस्थाना ने CBI के डायरेक्टर आलोक वर्मा पर करोड़ों रुपए की रिश्वत की शिकायती चिट्ठी कैबिनेट सेक्रेटरी को भेजी थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस चिट्ठी में कहा गया था कि सतीश बाबू से 2 करोड़ रुपए लिए गए हैं. वर्मा के खिलाफ अस्थाना ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 2जी और कोयला घोटाले में शामिल 2 लोगों को सेंट किट्स की नागरिकता लेने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया. CBI निदेशक पर हरियाणा में एक जमीन सौदे में गड़बड़ी का भी आरोप अस्थाना ने लगाया था.

कौन हैं आलोक वर्मा?

CBI घूसखोरी मामला क्या है? वर्मा-अस्थाना विवाद में दांव पर 'साख'

CBI के निदेशक रहने से पहले आलोक वर्मा कई बड़े ओहदों पर रह चुके हैं. CBI डायरेक्टर बनने से पहले आलोक वर्मा दिल्ली के पुलिस कमिश्नर थे. दिल्ली में जेलों के डीजीपी, मिजोरम के डीजीपी, पुडुचेरी के डीजीपी और अंडमान-निकोबार के आईजी भी रह चुके हैं. आलोक वर्मा CBI के पहले निदेशक हैं जिनके पास देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी में काम करने का कोई अनुभव नहीं है. फरवरी 2017 में आलोक वर्मा को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से सीधे CBI का निदेशक बनाया गया. माना जा रहा है कि CBI के भीतर ‘दंगल’ की जड़ में सबसे बड़ी वजह ये भी है.

कौन हैं राकेश अस्थाना?

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आज भले ही CBI के भीतर ‘दंगल’ की वजह से राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. CBI के स्पेशल डायरेक्टर रहे राकेश अस्थाना को CBI में काम करने का लंबा अनुभव है. झारखंड के रांची से आनेवाले राकेश अस्थाना 1984 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं. CBI में स्पेशल डायरेक्टर बनने से पहले CBI में कई भूमिकाओं में काम कर चुके हैं. अस्थाना ने कई अहम मामलों की जांच की है. इनमें बिहार का सबसे चर्चित चारा घोटाला भी शामिल है. इसी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद जेल में हैं. लालू प्रसाद से लगातार 6 घंटे तक पूछताछ करने पर अस्थाना चर्चा में आए थे. गोधरा में ट्रेन जलाने की SIT जांच भी अस्थाना ने ही की थी. अहमदाबाद बम धमाका और आसाराम बापू के खिलाफ जांच अस्थाना ने ही की थी.

अब निशाने पर पीएम मोदी

राकेश अस्थाना के बहाने विपक्ष मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है. CBI के भीतर ‘दंगल’ पर सियासी बयानबाजी भी खूब हो रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ट्वीट में लिखा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी के चहेते अधिकारी और गुजरात कैडर के IPS ऑफिसर जिन्होंने गोधरा मामले की जांच भी की थी, राकेश अस्थाना को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है’. बिहार में तेजस्वी यादव ने तो लालू प्रसाद यादव की जेल को राजनीतिक साजिश तक बता दिया. चारा घोटाले की जांच राकेश अस्थाना ने भी की थी. CPM ने CBI में पैदा हुए विवाद के लिए बीजेपी और पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराया. बीएसपी ने कहा कि CBI पर लगे इस दाग को मिटना मुश्किल होगा