/इस शख्स के FIR पर गिरफ्तार हुए हैं मानवाधिकार कार्यकर्ता, आईबी और गृह मंत्रालय को नहीं थी खबर
who is the complainer against social activists pune bhima koregaon violence case

इस शख्स के FIR पर गिरफ्तार हुए हैं मानवाधिकार कार्यकर्ता, आईबी और गृह मंत्रालय को नहीं थी खबर

गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक

दिल्ली। भीमा कोरेगांव में मामले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाते हुए अगली सुनवाई के लिए छह सितंबर की तारीख मुकरर की है। तब तक इन सभी लोगों को नजरबंद करने का आदेश दिया है। लेकिन इस गिरफ्तारी का पूरे देश में विरोध हो रहा है। सभी दलों ने भाजपा सरकार की आलोचना की है।

गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक

वहीं, कोर्ट ने भी सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि असहमति या नाइत्तेफाकी हमारे लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, यदि आप प्रेशर कुकर में सेफ्टी वॉल्व नहीं लगाएंगे तो वो फट सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि इस कार्रवाई के बारे में आईबी और गृह मंत्रालय को जानकारी नहीं थी। खबरों के अनुसार इन्हें तब जानकारी मिली जब पूरे देश में कार्रवाई के बाद अफरा-तफरी मच गई। कहा जा रहा है कि राज्य पुलिस ने ये गिरफ्तारियां बिना केंद्रीय एजेंसी को भनक लगे की हैं।

पूरे देश में सियासी घमासान

दरअसल, ये पूरा मामला 31 दिंसबर 2017 को हुई भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़ी हुई है। भीमा-कोरेगांव में 8 जनवरी 2018 पुणे के विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। जांच के दौरान जून 2018 में पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें सुरेंद्र गाडलिंग, रोना विल्सन, सुधीर, शोमा सेन और महेश रावत शामिल थे।

दामगुडे की शिकायत पर कार्रवाई

who is the complainer against social activists pune bhima koregaon violence case

इसके बाद इसी मामले में 28 अगस्त 2018 को वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वरनान गोंजाल्वेज और अरुण फेरेरा की भी गिरफ्तारी हुई। वहीं, इस मामले में जिस शख्स की एफआईआर पर पुणे पुलिस कार्रवाई कर रही है, वह भिड़े और एकबोटे की शख्सियत से मंत्रमुग्ध है। उस शख्स का नाम दामगुडे है। पुणे पुलिस ने इस मामले में जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और मंगलवार को देश भर में छापे मारे हैं, दरअसल दामगुडे की ही 8 जनवरी को लिखाई गई एफआईआर पर कार्रवाई कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुणे के संयुक्त पुलिस कमिश्नर शिवाजी बोडाखे ने इन गिरफ्तारियों की पुष्टि करते हुए कहा कि हम दामगुडे की शिकायत पर कार्रवाई कर रहे हैं, जो उसने विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में लिखाई है। हालांकि इन गिरफ्तारियों के विरुद्ध पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्षी दल मोदी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि ये अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है।