दिल्ली। लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर भूल जाना, किसी कारण से पॉलिसी के पैसे नहीं जमा करना, घर का पता बदल जाना, पॉलिसी में नॉमिनी का नाम न होना, मौत हो जाने के बाद नॉमिनी को मालूम न होना. इन्हीं वजहों से देश की 23 बीमा कंपनियों के पास 15 हजार 167 करोड़ रुपए की रकम पड़ी हुई है. जिसका दावेदार कोई नहीं है. अब जब मुफ्त का पैसा किसी के पास पड़ा हुआ है तो कोई देने की जहमत क्यों उठाएगा?
23 बीमा कंपनियों के पास 15 हजार 167 करोड़
अनक्लेम्ड मनी को लेकर सरकार ने सख्ती दिखाई है. बीमा कंपनियों पर नकेल कसी जा रही है. आखिर पॉलिसी लेते वक्त पॉलिसी होल्डर से एक-एक कागजात लेनेवाली कंपनियों को पैसा देने की नौबत आती है तो भी पैसा पॉलिसी होल्डर को नहीं मिलना गले से नहीं उतरता. जब कोई क्लेम नहीं करता है तो कंपनियां उसे अनक्लेम्ड मनी बनाकर दिखा देती है.
उस आदमी की पते पर कोई जांच पड़ताल नहीं की जाती. ताकि उसके परिजनों को या उसे पॉलिसी का बेनिफिट्स मिल सके. ऐसा शायद ही हो कि कोई पॉलिसी ले और उसके घर परिवार में कोई नहीं हो. भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को संबंधित बीमा पॉलिसी धारकों या लाभार्थियों की पहचान कर पुराने बीमा दावों का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं.
सरकारी कंपनी LIC के पास 10,509 करोड़
31 मार्च 2018 दावारहित कुल रकम 15,166.47 करोड़ रुपए थी. इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी जीवन बीमा निगम टॉप पर है. जिसके पास कुल 10 हजार 509 करोड़ रुपए का कोई दावेदार नहीं है. जबकि प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों के पास 4,657.45 करोड़ रुपए है.
इनमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के पास लावारिस रकम 807.4 करोड़ रुपए है. एसडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस के पास 696.12 करोड़ रुपए पड़ा है. रिलायंस निपॉन लाइफ इंश्योरेंस के पास 696.12 करोड़ और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के पास 678.59 करोड़ रुपए अनक्लेम्ड है.
कंपनियों की साइट पर ऐसे करें सर्च
नए नियम के मुताबिक कंपनियों को हर 6 महीने पर अपनी वेबसाइट पर बिना दावे की रकम की सूचना अपडेट करनी होती है. इरडा ने इससे पहले बीमा कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर पॉलिसी धारकों या लाभार्थियों के लिए उनकी बिना दावे की रकम की पड़ताल करने के लिए सर्च फैसिलिटी देने को कहा था.
इसकी मदद से पॉलिसी धारक या आश्रित इस बात का बता लगा सकते हैं कि क्या उनके नाम पर इन कंपनियों के पास कोई बिना दावे वाली रकम तो नहीं है. पॉलिसी धारक या लाभार्थी को बिना दावे वाली रकम का पता लगाने के लिए पॉलिसी नंबर, पॉलिसी धारक का पैन, उसका नाम, आधार नंबर जैसे ब्योरे डालने पड़ते हैं. बीमा कंपनियों के लिए जरुरी है कि वे अपनी वेबसाइट पर बिना दावे वाली रकम के बारे में बताएं. तो अगर आपको भी लगता है कि कोई अनक्लेम्ड मनी बीमा कंपनियों के पास पड़ी है तो थोड़ी मेहनत कीजिए वो आपकी हो सकती है.
बैंकों के पास भी हजारों करोड़ अनक्लेम्ड
सिर्फ बीमा कंपनियों में ही नहीं देश बैंकों में हजारों करोड़ रुपए अनक्लेम्ड पड़े हैं. रिजर्व बैंक के मुताबिक 64 बैंकों में 11,302 करोड़ रुपए पड़े हैं जिसका कोई दावेदार नहीं है. 1,262 करोड़ रुपए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है. जिसका कोई दावेदार नहीं है. पंजाब नेशनल बैंक में 1,250 करोड़, जबकि दूसरे सरकारी बैंकों में 7 हजार 40 करोड़ रुपए पड़े हैं. निजी बैंकों में 1 हजार 416 करोड़ रुपए अनक्लेम्ड है.
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