दिल्ली। देश के बड़े उद्योगपति में शुमार महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के मालिक ने जूतों के डॉक्टर को ढूंढ निकाला. कुछ दिन पहले आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया था. इसमें उन्होंने लिखा था कि मैनेजमेंट के छात्रों को इनसे मैनेजमेंट की गुर सिखनी चाहिए.
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जूतों के डॉक्टर
आनंद महिंद्रा ने जो तस्वीर शेयर की थी उसमें एक मोची सड़क किनारे लगी अपनी दुकान पर एक बैनर लगाया हुआ था. बैनर पर लिखा था ‘जख्मी जूतों का हस्पताल’. मोची ने आनंद महिंद्रा को काफी प्रभावित किया. उसकी मदद के लिए आनंद महिंद्रा आगे आए.
This man should be teaching marketing at the Indian Institute of Management… pic.twitter.com/N70F0ZAnLP
— anand mahindra (@anandmahindra) April 17, 2018
नरसीराम से महिंद्रा की टीम ने की मुलाकात
मोची नरसीराम के बारे में आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर लिखा कि हमारी टीम ने हरियाणा में उनसे मिली. उनसे पूछा की हम कैसे आपकी मदद कर सकते हैं. विनम्र और सिम्पल नरसीजी ने पैसे नहीं मांगे. उन्होंने काम के लिए बेहतर जगह की जरूरत के बारे में बताया.
महिंद्रा ने आगे लिखा कि उन्होंने मुंबई की अपनी डिजाइन स्टूडियो टीम से एक चलती-फिरती दुकान डिजाइन करने को कहा. महिंद्रा ने कहा कि उनकी टीम ने नरसीजी को ये डिजाइन दिखाए हैं. ट्विटर यूजर्स से भी महिंद्रा ने डिजाइन मांगे हैं.
ताकि सड़क पर सामान बेचने वालों के लिए चलती-फिरती दुकानें बनाई जा सके. जिससे सुंदरता भी बनी रहे और उनका काम बेहतर तरीके से हो जाए.
Recall my tweet about Narseeji,the cobbler?Our team in Harayana met him&asked how we could help.A simple&humble man.Instead of asking for money,he said he needed a good workspace. I asked our Design Studio team from Mumbai to design a kiosk that was functional&yet aesthetic.(1/2) pic.twitter.com/Oefr69yAy1
— anand mahindra (@anandmahindra) April 28, 2018
‘जख्मी जूतों का हस्पताल डॉ. नरसीराम’
दरअसल नरसीराम हरियाणा के जींद की पटियाला चौक पर जूते-चप्पलों की रिपेयर करते हैं. नरसी ने लोगों का ध्यान खींचने के लिए एक बैनर भी लगाया है. बैनर पर लिखा है कि ‘जख्मी जूतों का हस्पताल डॉ. नरसीराम’.
नरसी ने अपने बैनर में अस्पताल की तर्ज पर कई तरह की जानकारी दे रखी है. जैसे बैनर लिखा है कि ओपीडी सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक. लंच दोपहर 1 से 2 बजे और शाम 2 से 6 बजे तक अस्पताल खुला रहेगा.
इस बैनर पर ये भी लिखा है कि हमारे यहां सभी प्रकार के जूते जर्मन तकनीक से ठीक किए जाते हैं.
महिंद्रा को व्हाट्सअप से मिली थी तस्वीर
नरसीराम की तस्वीर व्हाट्अप के जरिए मिलने पर आनंद महिंदा हैरान रह गए. इसके बाद उन्होंने अपनी एक टीम ये खोजने में लगाई कि आखिर नरसीराम का पता ठिकाना कहां है.
जल्द ही नरसीराम का ठिकाना मिल गया. आनंद महिंद्रा ने फिर नरसीराम को फूल और मोमेंटो भिजवाया. उन्हें महिंद्रा कंपनी के ट्रैक्टर पर बैठाकर सारे शहर में भी घुमाया गया.
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