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लालू के बिना कांग्रेस

‘यादव युवराज’ को ‘मनोहर पोथी’ पढ़ने की सलाह, आखिर ऐसा क्या हुआ…

'यादव युवराज' को 'मनोहर पोथी' पढ़ने की सलाह

पटना। बिहार में ‘कर्नाटक फॉर्म्यूला’ लागू कराने को लेकर ‘यादव युवराज’ और नेता प्रतिपक्ष बेचैन हैं. पिछले 2 दिनों में दो-तीन बार मीडिया में बयान दे चुके हैं. ट्वीट पर ट्वीट किए जा रहे हैं. पटना में धरना-प्रदर्शन करनेवाले हैं. राज्यपाल से मिलने वाले हैं. हो सकता है सरकार बनाने का दावा भी ठोक डालें.

अब चलती-फिरती सरकार को महामहिम कैसे हटाएंगे, ये भी अपने आप में चुनौती है.

पता नहीं सत्यपाल मलिक से तेजस्वी यादव क्या मांग दे.

इनकी मुराद पूरी होगी या नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता.

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…तो क्या नीतीश कुमार इस्तीफा देंगे?

मगर बिहार है, तो सियासत है. वहां यही एक चीज है जो पूरे कमिटमेंट के साथ फल-फूल रहा है.

पटना से ही पूरे देश को ‘पॉलिटिकल ज्ञान’ भी मिलता है.

पटना से जो ‘नॉलेज’ मिला, उसके बिनाह पर अब कांग्रेसियों के चेहरे भी खिल-खिले हैं.

बात गोवा तक पहुंच चुकी है. बीजेपी के अप्वाइंटेड राज्यपाल कांग्रेस और आरजेडी की कितनी सुनेंगे,

ये बात कम से कम कर्नाटक से सीख ही जानी चाहिए थी. लेकिन काहे का. ये माननेवाले नहीं है.

दरअसल ये पूरी जोर-आजमाइश ‘फाइट’ को दिखाने की है, ‘फाइट’ करने की नहीं है.

वरना कौन दूध के धुले हैं, कुंडली खुल जाती है तो बिलबिला उठते हैं.

वो चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी या फिर आरजेडी.

नीरज कुमार की सलाह मानेंगे तेजस्वी?

जेडीयू भी तेजस्वी को काउंटर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही.

उसने तेजस्वी को एक बार फिर से अंकगणित सीखने को कहा.

इसके लिए उन्हें मनोहर पोथी (बच्चो की किताब) पढ़ने की सलाह दे डाली.

जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि वो ‘गरीब’ के पुत्र होने के कारण डीपीएस दिल्ली में पढ़े हैं.

इस कारण उनका अंकगणित कमजोर है.

उन्हें मनोहर पोथी पढ़नी चाहिए. इसके अलावा भी नीरज कुमार एक से बढ़कर एक बातें कही.

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कर्नाटक की तर्ज पर बिहार में सबसे बड़े राजनीतिक पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का न्यौता

आरजेडी को देने की मांग की थी. इस लेकर तेजस्वी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए.