पटना। मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. नीतीश कुमार सफाई पर सफाई दे रहे हैं. उनके मातहत मंत्रालय के अफसर भी मीडिया के सामने लाइन लगाकार बैठते हैं ताकि उनके विभाग से जुड़ा कोई सवाल हो तो जवाब दे सकें. लग रहा है कि अब नीतीश कुमार भी इन्हीं सवालों-जवाबों से अपडेट हो रहे हैं. वो पहले ही कह चुके हैं कि इस ‘पाप’ से शर्मिंदा हैं. किसी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे जितना भी रसूखदार हो.
ब्रजेश ठाकुर की ‘रसूखदारी’ देखिए
मगर ब्रजेश ठाकुर रसूखदार है इसमें किसी को शक नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी नहीं. मगर पिछले 2 महीने से कहने को जेल में भेजे गए ब्रजेश ठाकुर 57 दिन अस्पताल में गुजार चुका है. डॉक्टरों का कहना है कि ब्रजेश ठाकुर की तबीयत ‘बहुत’ खराब है. उनको इलाज की ‘सख्त’ जरुरत है. अब जब डॉक्टर कह रहे हैं कि तबीयत ‘बहुत’ खराब है तो किसकी मजाल की जेल की काल कोठरी में डाल सके.
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ब्रजेश ठाकुर के पास करोड़ों की प्रॉपर्टी है. इनमें ज्यादातर उनको विरासत में अपने पिता राधामोहन ठाकुर से मिली. उसको ब्रजेश में कई गुना में तब्दील कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर करोड़ों की संपत्ति का मालिक है.
करोड़ों की संपत्ति का मालिक ब्रजेश
- ब्रजेश ने हाल ही में डेढ़ करोड़ में मुजफ्फरपुर में आरएम पैलेस नाम का होटल खरीदा है.
- ब्रजेश के पास दिल्ली (पालम) में फॉर्म हाउस है, बताया जाता है कि ये काफी आलीशान है.
- मुजफ्फरपुर के अलावा उत्तर बिहार का शायद ही कोई शहर हो जहां ब्रजेश की प्रॉपर्टी नहीं हो.
- बिहार की राजधानी पटना में भी ब्रजेश ठाकुर का एक आलीशान मकान है.
- मुजफ्फरपुर में ब्रजेश ठाकुर के पास 4 से 5 मकान और 10 कट्ठा जमीन है.
- समस्तीपुर, दरभंगा और मोतिहारी में ब्रजेश ठाकुर के रिहायशी इमारतें हैं.
- पैतृक गांव मुजफ्फरपुर के पचदही में ब्रजेश के पास 20 एकड़ खेतिहर जमीन है.
- ब्रजेश के पास जो खेतिहर जमीन है उसकी अनुमानित कीमत 8 करोड़ है.
- ब्रजेश ठाकुर 11 एनजीओ का संरक्षक था, जिससे लाखों रुपए मिलते थे.
- परिवार के अलग-अलग लोगों के नाम से ये सभी एनजीओ रजिस्टर्ड है.
- सेवा संकल्प एवं विकास समिति, वामा शक्ति वाहिनी के सबसे ज्यादा फंड
- रसूखधार ब्रजेश ठाकुर मुजफ्फरपुर से तीन अखबार चलता है.
- ब्रजेश अखबारों को हर साल सरकार से लाखों का विज्ञापन मिलता था.
- प्रात:कमल (हिन्दी), हालात-ए-बिहार (उर्दू) और न्यूज नेक्सट (अंग्रेजी)
कैसे लगी ब्रजेश की ‘लंका’ में आग
टाटा इंस्टिट्यूड ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बालिक गृह में रह रही बच्चियों का यौन शोषण भी किया गया है. TISS की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक बच्चियों की मेडिकल जांच में उनके शरीर के कई हिस्सों पर जलने और कटने के निशान भी मिले हैं. शेल्टर होम में रह रही बच्चियों के साथ रोजाना यौन शोषण होता था. मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक यौन शोषण से पहले बच्चियों को नशे की दवाइयां दी जाती थी या नशे का इंजेक्शन लगाया जाता था. TISS ने 7 महीने में 38 जिलों के 110 संस्थानों का सर्वे किया था. इन बालिका गृहों में 6 से 18 साल की वैसी लड़कियों को रखा जाता है जो अनाथ, भूली-भटकी, मानसिक रुप से बीमार या किसी दूसरे कारण से परिवार से अलग हो गई है. सरकार की तरफ से इन्हें संरक्षण हासिल होता है.