दिल्ली। अभी केंद्र की सत्ता से बेदखल हुए कांग्रेस पार्टी को करीब चार साल ही हुए हैं और पार्टी तंगहाली के दौर से गुजरने लगी है। कॉरपोरेट सेक्टर की तरह कांग्रेस भी अब अपने खर्च कम करने की तैयारी में है। इस कड़ी में कांग्रेस पार्टी ने 10 पुराने ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया।
तंगहाली से परेशान कांग्रेस
दरअसल, पार्टी के दफ्तरों के खर्च घटाने की कोशिशों पर नए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का पूरा जोर है। कांग्रेस पार्टी की यह तैयारी पार्टी दफ्तरों में काम करने वाले गरीब कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है। इन्हीं कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। ये कर्मचारी वैसे हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा कांग्रेस दफ्तरों में कांग्रेस नेताओं की सेवा करने में बिता दिया है।
हाईकमान के निर्देश पर कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय का कार्यालय लखनऊ के माल एवेन्यू इलाके में स्थित है। यहां पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के आवागमन के लिए पार्टी वाहनों को चलाने के लिए 15 ड्राइवर पिछले कई सालों से कांग्रेस जनों की सेवाएं कर रहे थे। लेकिन हाल ही में पत्र जारी करके कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष (प्रशासन) आरपी त्रिपाठी ने पार्टी हाईकमान के निर्देशों पर एक झटके में 10 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया है, जो पिछले कई सालों से कांग्रेस पार्टी की गाड़ियां चला रहे थे।
ड्राइवरों के घर पर मायूसी
कांग्रेस ने कठोर कदम को जरूरत से ज्यादा कर्मचारियों की छटनी बताया है, जिन ड्राइवरों को नौकरी से निकाला गया है उनके घर परिवारों में मायूसी छा गई है, क्योंकि गरीब परिवारों से जुड़े यह लोग पिछले कई सालों से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में गाड़ी चला रहे थे और इसी काम से इनका जीविकोपार्जन हो रहा था।