दिल्ली। कुछ भी जानने के लिए अमूमन आज कल लोग ‘गूगल बाबा’ से ‘ज्ञान’ लेते हैं. कुछ ‘ज्ञान’ मिल भी जाता है. किसी चीज का रेट कम्पेयर करने से लेकर, किसी नए प्रॉडक्ट को खोजने तक का काम गूगल से कर सकते हैं. लोग करते भी हैं. कई बार गूगल आपके क्यूरियोसिटी को शांत करता है. ढूंढने पर कुछ न कुछ आपके काम का मिल ही जाता है.
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दहेज कैलकुलेशन के लिए वेबसाइट
शादी से लेकर सामान तक की समस्या का आप नेट से समाधान निकाल सकते हैं. मगर मार्केट में आपका दहेज भाव क्या है? ये कैसे पता चलेगा?. इसके लिए भी एक साइट बाजार में है.
देश में भले ही दहेज लेना गैरकानूनी हो लेकिन चोरी-छिपे ही सही ज्यादातर लोग लेते हैं. मोल-भाव भी खूब करते हैं. अब ऐसी वेबसाइट है जो दहेज का नया ट्रेंड क्या है? ये बताती है.
आईएएस की कीमत 65 लाख रुपए
वेबसाइट पर कुछ जाति और समुदाय के अविवाहितों को उनकी योग्यता, बिजनेस, प्रोफेशन और इनकम को आधार बनाकर उनके डाउरी कैलकुलेट कर बताती है.
मसलन वेबसाइट ने आईएएस अफसर के दहेज की कीमत 65 लाख रुपए बताई है तो वहीं पिता के पारिवारिक बिजनेस वाले बेरोजगार की 15 लाख रुपए. अब ये वेबसाइट विवादों में है.
इसकी शिकायत कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय के साथ पीएमओ से की है. वेबसाइट का नाम डाउरी डॉट कॉम है. इस वेबसाइट पर ब्राह्मण, कायस्थ, भूमिहार, बनिया, रेड्डी, नायर, क्षत्रिय, जैसे 17 जातियों ते दहेज रेट बताए जाते हैं.
वेबसाइट की सांसद ने की शिकायत
Someone just brought this site to my attention. Absolutely shameful! Let me remind the developers that giving or taking dowry is illegal in India. I urge the @MinistryWCD, @PMOIndia to take immediate action against this.https://t.co/KQWBxQtd7J
— Jyotiraditya Scindia (@JM_Scindia) May 28, 2018
हालांकि इसके कैलकुलेशन हास्यास्पद है, इसमें एक ब्राह्मण आईएएस अधिकारी की कीमत 65 लाख बताई जा रही है. जबकि पारिवारिक व्यवसाय वाले कायस्थ फैमिली के लड़के की कीमत 15 लाख बताई गई है.
जबकि शादी कराने में मिडिएटर की भूमिका निभानेवालों की माने तो एक्चुअल रेट इससे कहीं ज्यादा है. इस वेबसाइट की बारे में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को सूचना दिया है. ये शर्मनाम है. इस पर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.
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