/दिल्ली के मुख्यमंत्री एक बार फिर धरने पर, एलजी के घर डाला डेरा
दिल्ली के मुख्यमंत्री एक बार फिर धरने पर, एलजी के घर डाला डेरा

दिल्ली के मुख्यमंत्री एक बार फिर धरने पर, एलजी के घर डाला डेरा

दिल्ली के मुख्यमंत्री एक बार फिर धरने पर, एलजी के घर डाला डेरा

दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर उप राज्यपाल के खिलाफ सड़क पर हैं. अनिल बैजल से अपनी तीन मांगों को मनवाने के लिए एलजी दफ्तर पर ही धरने पर बैठ गए हैं. केजरीवाल के साथ उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और गोपाल राय भी धरने पर बैठे हैं. इनका धरना आधी रात को भी जारी रहा.

केजरीवाल और एलजी में ठनी

ट्वीट कर आम आदमी पार्टी के नेता नागेंद्र शर्मा ने बताया कि चारों बड़े नेता एलजी के आवास पर हैं. इनके अलावा दिल्ली सरकार की सलाहकार आतिशी मर्लेना भी धरने में मौजूद रहीं. वो देर रात एलजी आवास के बाहर सड़क पर बैठकर खाना खाते देखी गईं. उनकी फोटो भी नागेंद्र शर्मा ने ही ट्वीट की.

दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्री और नेता भी एलजी आवास के बाहर धरने पर हैं. केजरीवाल अपनी तीन मांगों को मनवाने के लिए उप राज्यपाल अनिल बैजल से मिलने पहुंचे थे. केजरीवाल के मुताबिक एलजी ने उनकी तीनों मांगों को ठुकरा दिया है.

मुख्यमंत्री केजरीवाल की तीन मांगें

  1. एलजी आईएएस एसोसिएशन की हड़ताल खत्म करने का आदेश जारी करें
  2. काम रोकने वाले आईएएस अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लें
  3. राशन की डोर स्टेप डिलिवरी की योजना को मंजूरी मिले

ट्वीट कर केजरीवाल ने पूछे सवाल

केजरीवाल के मुताबिक उपराज्यपाल ने किसी भी बात को मानने से इनकार कर दिया. उसके विरोध में उप राज्यपाल के दफ्तर पर केजरीवाल धरने पर बैठ गए. केजरीवाल ने कहा कि जब तक राज्यपाल मांगें नहीं मानेंगे, वो यहां से नहीं जाएंगे. धरने पर बैठे केजरीवाल ने ट्वीट कर पूछा कि क्या घर-घर राशन डिलिवरी की योजना लागू नहीं होना चाहिए? क्या यह लोगों की मदद नहीं करेगा? हम पिछले कई महीनों से एलजी से आग्रह कर रहे हैं लेकिन एलजी ने इनकार कर दिया.

इसके अलावा केजरीवाल ने अफसरों की मनमानी पर भी सवाल खड़े किए हैं. केजरीवाल ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि आईएएस अधिकारी 4 महीने तक हड़ताल पर हैं. क्यों?

इससे पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर बुलाए गए विधानसभा की विशेष सत्र में केजरीवाल ने कहा कि अगर 2019 से पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाता है तो वो बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे और दिल्ली की जनता से बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे. अगर ऐसा नहीं होता है तो दिल्ली के रहनेवाले लोग अपने-अपने घर के बाहर ‘बीजेपी दिल्ली छोड़ो’ का बोर्ड लगाएंगे.