दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही यह मान लिया है कि डॉलर की तुलना में रुपया और गिरेगा। आने वाले दिनों में एक डॉलर की तुलना में 72 रुपये की कीमत और ज्यादा गिरकर 80 रुपये प्रति डॉलर हो जाएगी। इसको देखते हुए फडणवीस सरकार ने एक हेलिकॉप्टर डील के बजट में पहले ही इजाफा कर दिया है।
80 रुपए/डॉलर की हिसाब-किताब
दरअसल महाराष्ट्र सरकार अमेरिकी कंपनी “Sikorsky” से S76-D हेलीकॉप्टर राज्य के वीवीआईपी लोगों के लिए खरीद रही है, इसलिए सरकार ने एडवांस में मान लिया कि रुपये की कीमत 80 रुपये पहुंच सकती है। इसलिए होलिकॉप्टर की खरीद का बजट 18 करोड़ रुपये बढ़ा कर देने का प्रस्ताव जीआर के माध्यम से सुनिश्चित किया। शायद यही वजह है अमेरिकी कंपनी से हेलीकॉप्टर डील मामले में महाराष्ट्र सरकार ने अपने नए जीआर में संसोसधन करते हुए 80 रुपये प्रति डॉलर लगा दी.
127.11 की जगह 145.27 करोड़
आपको बता दें महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने इसी साल 8 मई 2018 को 70 रुपये प्रति डॉलर के हिसाब से 127.11 करोड़ में हेलीकॉप्टर खरीदने की डील की थी, जबकि 11 सितम्बर 2018 को नया जीआर बनाया गया जहां 70 के बजाय 80 रुपये प्रति डॉलर खरीद के लिए रखा गया, जबकि मंगलवार यानी 11 सितंबर को डॉलर कि कीमत डॉलर कि कीमत रुपये के मुकाबले 72 रुपये 80 पैसे थी, यानी जो हेलिकॉप्टर की डील 127.11 करोड़ में हुई थी अब वह डील 145.27 करोड़ तक जा पहुचीं, यानी सरकार को 18 करोड़ रुपये और चुकाने होंगे। यानी साफ है की सरकार ने यह मान लिया कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत और भी आने वाले समय मे गिरने वाली है।
गौरतलब है कि पिछले साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें वो बाल बाल बच गए थे। उसके बाद से ही राज्य सरकार के पास मौजूद हेलीकॉप्टर को लेकर सवाल खड़े हो गए थे, जिसके बाद ही अमेरिकी कंपनी “Sikorsky”से डील की गई, एस-76 डी हेलीकॉप्टर कस्टमाइज्ड इनटीरियर से लैश है जिसमें 5 से 8 लोग बैठ सकते हैं।
कांग्रेस के निशाने पर महाराष्ट्र सरकार
महाराष्ट्र के हेलीकॉप्टर मुद्दे पर अब सियासत तेज हो गयी हौ । संजय निरुपम ने कहा कि एक तरफ महाराष्ट्र में भुखमरी की नौबत है, किसान आत्महत्या कर रहा हैं, तब आप अपने लिए हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए, डेढ़ सौ करोड़ रुपये खर्च कर रहे हो, उसके ऊपर 18 करोड़ रुपये बर्बाद कर रहे हो, यह पूरा का पूरा फैसला गलत हैं, सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए और चॉपर का कॉन्ट्रैक्ट रद्द करना चाहिये ।सरकार और बीजेपी वालों को अपने देश से माफी मांगनी चाहिए कि हम अपने रुपये को इतना टूटते हुए देख रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार इस मामले पर अपना पक्ष रख रही है ।