दिल्ली। केरल में बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इस बाढ़ के कारण केरल में अब तक 187 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ के कारण अब तक राज्य के 14 में से 11 जिले जलमग्न हैं। सेना, एयरफोर्स और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। केरल में बाढ़ के कारण हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं। केरल के वायानाड़ और इडुक्की सहित सात जिलों में रेड अलर्ट जारी है।
अब तक 187 लोगों की मौत
एक अनुमान के मुताबिक केरल में 8,316 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने केरल का दौरा किया था और बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था। इसके बाद त्वरित मदद के लिए 100 करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया है। कहा जा रहा है कि आजादी के बाद पहली बार केरल में इतनी विनाशकारी बाढ़ आई है। लाखों लोग इस बाढ़ से बेघर हो गए हैं। भारतीय सेना भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंच गई है। टूटी सड़कों को बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का काम कर रही है।
ऐसी बाढ़ पहले कभी नहीं आई
केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा है कि राज्य में ऐसी बाढ़ पहले कभी नहीं आई थी। राज्य में बाढ़ से अब तक काफी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि बड़ी संख्या में लोग लापता हैं। राज्य के इडुक्की के करीमबन ब्रिज के आसपास के इलाकों में तमाम घर बारिश में बह गए हैं और कई घर अब तक पानी में डूबे हुए हैं। वहीं, सरकार ने बाढ़ में अपनी घर और संपत्ति गंवाने वाले प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की है। इसके साथ ही सीएम विजयन ने अपना घर गंवाने वाले को चार लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। बारिश न होने के परिणामस्वरूप पिछले कई दिनों से तबाही मचा रहा इडुक्की बांध का पानी कम होने लगा है।
24 बांधों को एक साथ खोलना पड़ा
केरल के इडुक्की जिले में बरसात और बाढ़ की तबाही सबसे ज्यादा है। जहां पिछले 40 सालों में पहली बार चेरुथोनी बांध के पांचों शटर खोलने पड़े हैं। 50 साल में पहली बार केरल इतनी भयंकर बाढ़ और बरसात के बीच फंसा है। हालात इस कदर पानी-पानी हो चुके हैं कि केरल के इतिहास में पहली बार 24 बांधों को एक साथ खोलना पड़ा है। इसके साथ ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि हालात सामान्य होने पर प्रभावित लोग अपने-अपने पासपोर्ट सेवा केंद्र संपर्क करें और उन्हें बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के पासपोर्ट जारी करवा दिए जाएंगे।