दिल्ली। मध्यप्रदेश के इंदौर में 21 अप्रैल को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी थी। एक आदमी ने महज चार महीने की बच्ची का बलात्कार करके उसकी हत्या कर दी थी। रेप करने वाला दरिंदा कोई और नहीं बल्कि बच्ची का मौसा था और वह बच्ची के माता-पिता के साथ ही रहता था।
इंदौर ज़िला न्यायालय का यह फ़ैसला इस बिल के तहत लिया गया पहला और एक ऐतिहासिक निर्णय है। इससे ना सिर्फ़ ऐसा कृत्य करने वाले लोगों के मन में डर बैठेगा बल्कि हमारी बच्चियों और महिलाएँ में भी सुरक्षा का भाव जागृत होगा।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 12, 2018
23वें दिन मिली फांसी की सजा
इस घटना पर कोर्ट का फैसला आ गया है।
12 मई को जिला कोर्ट ने आरोपी नवीन को फांसी की सजा सुना दी है।
गौरतलब है कि घटना के 23वें दिन जज ने यह फैसला सुना दिया है।
नया कानून पॉक्सो बनने के बाद किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाने का यह पहला मामला है।
इस लिहाज से इसे ऐतिहासिक भी कहा जा रहा है।
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने पिछले साल 2017 में ही 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वाले नरपिशाचों के लिए #DeathForRapists विधेयक सर्वसम्मति से पास किया था। इसके पश्चात केंद्र सरकार ने भी एप्रिल में ऐसे लोगों को फाँसी की सज़ा देने का प्रावधान किया।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 12, 2018
बिल्डिंग के बेसमेंट में ‘महापाप’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के वक्त बच्ची अपने माता-पिता के साथ सो रही थी।
तभी अपराधी, बच्ची को उठाकर इंदौर के राजवाड़ा स्थित श्रीनाथ पैलेस बिल्डिंग के बेसमेंट में ले गया था।
वहां आरोपी ने घटना को अंजाम दिया। इसके बाद बिल्डिंग से फेंककर बच्ची की हत्या कर दी थी।
इस घटना को लेकर आमलोगों में काफी गुस्सा था।
आलम यह था कि जब आरोपी को पेशी के लिए कोर्ट परिसर में लाया गया था
तो वहां मौजूद लोगों ने भी आरोपी की पिटाई कर दी थी।
बहरहाल अपराधी को सजा सुना दी गई है।
उम्मीद है कि आने वाला समय महिलाओं के लिए पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा।