पटना। जेएनयू पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। यह चर्चा जोरों पर है कि वे लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद से चुनाव लड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसके लिए लालू यादव ने भी हरी झंडी दे दी है। चर्चा है कि कन्हैया बिहार के बेगूसराय सीट से 2019 में महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे।
कन्हैया पर लालू-तेजस्वी राजी
महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, एनसीपी, शरद यादव की एलजेडी और जीतनराम मांझी की पार्टी हम शामिल है। हालांकि लेफ्ट पार्टियों ने अभी तक अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया है। खबरों के मुताबिक आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव औऱ उनके बेटे तेजस्वी यादव बिहार में अप्रत्यक्ष तरीके से महागठबंधन को लीड कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि दोनों ही बेगूसराय सीट से कन्हैया को टिकट देने को तैयार हो गए हैं। खबरों के अनुसार कन्हैया उम्मीदवार तो सीपीएम के होंगे, लेकिन उन्हें प्रतिद्वंदी एनडीए कैंप तक एक मजबूत संदेश पहुंचाने के लिए महागठबंधन का आम उम्मीदवार घोषित किया जाएगा।
बेगूसराय फॉरवर्ड बहुल इलाका
बेगूसराय सीट पर अभी भाजपा का कब्जा है। वहां से भोला सिंह सांसद हैं। हालांकि बेगूसराय वामपंथियों का गढ़ रहा है। कन्हैया भी बेगूसराय जिले के बरौनी ब्लॉक में बिहट पंचायत के हैं। उनकी मां मीना देवी एक आंगनबाड़ी सेविका हैं और उनके पिता जयशंकर सिंह एक किसान हैं।
वहीं, बेगूसराय फॉरवर्ड बहुल इलाका है। कन्हैया कुमार भी भूमिहार जाति से आते हैं। महागठबंधन की कोशिश है कि कन्हैया को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी की जा सके। गौरतलब है कि कन्हैया 2016 में तब सुर्खियों में आए थे जब उनके ऊपर जेएनयू कैंपस में देश विरोधी नारेबाजी का आरोप लगा था। उसके बाद कन्हैया को जेल भेज दिया गया था। जेल से रिहा होने के बाद कन्हैया ने जेएनयू कैंपस में जोरदार भाषण दिया था।
…तब छुए थे लालू के पैर
उसके बाद वे बिहार दौरे पर गए थे, उस वक्त वहां महागठबंधन की सरकार थी। कन्हैया को बिहार दौरे के दौरान वीवीआईपी सुविधा मिली थी। उसी दौरान कन्हैया ने बिहार में नीतीश कुमार और लालू यादव से मुलाकात की थी। कन्हैया ने लालू आवास पर जाकर उनके पैर छूए थे और आशीर्वाद लिया था। उसके बाद बीजेपी ने निशाना साधा था कि एक सजायाफ्ता से ऐसे मिल रहे हैं।
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