दिल्ली। अब तक आम धारणा यही थी कि माओवादी आदिवासियों के अधिकार की हिंसक लड़ाई रहे हैं. मगर अब ये लग रहा है कि आतंकवादियों की राह पर चल निकले हैं. कम से कम हालिया जांच-पड़ताल से तो यहीं पता चलता है.
अब तक ये कुछ जवानों का जान लेकर और उनके आर्म्स लूटकर खुश हो जाते थे, मगर अब तो ये प्रधानमंत्री तक की हत्या की साजिश रचने लगे हैं. पुणे पुलिस ने कोर्ट में एक लेटर पेश करते हुए दावा किया है. पुलिस ने दावा किया है कि ”पीएम मोदी की राजीव गांधी की तरह हत्या” करने की साजिश रच रहे थे.
कहां से हुई इनकी गिरफ्तारी?
पुणे पुलिस ने दिल्ली से 5 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनके संबंध सीपीआई-माओवादी संगठन से है. इनके नाम है- सुधीर धावले, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, शोमा सेन और रोणा जैकब विल्सन. पुलिस ने इन्हें ‘अरबन माओइस्ट’ का टॉप लीडर बताया. जनवरी में हुई भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में इन्हें गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस की तरफ से कोर्ट को दी गई जानकारी में बताया गया है कि एक चिट्ठी रोणा विल्सन के दिल्ली स्थित मुनरिका फ्लैट से बरामद की गई. रोणा जैकब विल्सन इस समय राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए बनाई गई समिति के सदस्य है.
साजिश वाली चिट्ठी में क्या है?
पुलिस के मुताबिक किसी ‘कॉमरेड प्रकाश’ को संबोधित करते हुए ये पत्र लिखा गया है. चिट्ठी में 8 करोड़ रुपए जुटाने की बात कही गई है. ताकि एम-4 राइफल और 4 लाख राउंड कारतूस चलाने की व्यवस्था की जा सके. साथ ही ‘एक और राजीव गांधी जैसी घटना’ का जिक्र है. ये बात सरकारी वकील उज्ज्वला पवार ने कोर्ट को बताई है.
माओवादियों की चिट्ठी में कहा गया है कि हम राजीव गांधी वाली घटना की तरह कुछ सोच रहे हैं. ये आत्मघाती लगता है और खतरनाक भी. हो सकता है कि हम फेल हो जाएं लेकिन पार्टी को हमारी इस योजना के बारे में सोचना चाहिए. कर्नल किशन और कई वरिष्ठ कामरेड मोदी युग को खत्म करने के लिए मजबूत कदम उठाने का प्रस्ताव दिया है. पोलित ब्यूरो को इस पर चर्चा करनी ही चाहिए. उनके रोडशोज को निशाना बनाना कारगर स्ट्रैटजी हो सकती है.
पत्र के आखिर में 18 अप्रैल 2017 की तारीख है. इस चिट्ठी में कॉमरेड साईबाबा और दूसरे नामों का भी उल्लेख आया है. इस चिट्ठी में लिखा है कि बिहार और पश्चिम बंगाल में हार के बाद भी मोदी ने 15 राज्यों में बीजेपी की सरकारें बनवा दी. अगर ऐसा जारी रहा तो पार्टी (माओवादी) के लिए हर मोर्चे पर मुश्किल पैदा हो जाएगी.
‘हारी हुई लड़ाई लड़ रहे माओवादी’
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की साजिश पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपने प्रधानमंत्री की सुरक्षा का हमेशा खयाल रखते हैं. उन्होंने कहा कि माओवादी और उग्रवादी अब अपनी हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं. नक्सली हिंसा जल्द ही खत्म हो जाएगी. माओवाद प्रभावित 135 जिलों में से घटकर 90 रह गए हैं, उनमें भी केवल 10 में ही ज्यादा सक्रिय हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नक्सली गतिविधियों के बारे में पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में ज्यादा बोलना उचित नहीं होगा.
जबकि कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि संभव है कि ये भाजपा द्वारा फैलाया जा रहा शिगूफा हो. अगर देश के प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रची जा रही है तो इसकी जरूर जांच होनी चाहिए. पुलिस को जांच करनी चाहिए, लेकिन मीडिया में इसकी जानकारी नहीं आनी चाहिए.
इस मामले में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि अगर इस तरह को कोई मामला है तो इसकी जांच होनी चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए.
कैसे हुई थी राजीव गांधी की हत्या?
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में मानव बम ने विस्फोट कर हत्या कर दी थी. राजीव गांधी वहां एक जनसभा को संबोधित करने गए थे.
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