/महिला टीचर का गर्दन काट सिर को हाथ में लेकर क्यों दौड़ता रहा पूर्व मकान मालिक?
महिला टीचर का गर्दन काट सिर को हाथ में लेकर क्यों दौड़ता रहा पूर्व मकान मालिक?

महिला टीचर का गर्दन काट सिर को हाथ में लेकर क्यों दौड़ता रहा पूर्व मकान मालिक?

महिला टीचर का गर्दन काट सिर को हाथ में लेकर क्यों दौड़ता रहा पूर्व मकान मालिक?

रांची। 4 महीने पहले तक सब कुछ ठीकठाक था, जैसा कि 2016 में शुरुआत हुई थी. मगर 4 महीने पहले पुराना मकान मालिक जानवर बन गया. वो खून का प्यासा बन गया. इसकी वजह थी महिला टीचर का पुराने मकान को छोड़ देना.

कटा सिर लेकर 4 घंटे तक दौड़ता रहा आरोपी

सरायकेला-खरसावां के खापरसाई प्राइमरी स्कूल की टीचर सुकरु हेस्सा ने 4 महीने पहले मकान बदला था. स्कूल के अध्यक्ष के घर नए किराएदार के तौर पर रहने लगी. पुराने मकान से इसमें बेहतर सुविधाएं थी. सिक्योरिटी के लिहाज से भी ये मकान पुराने मकान से परफेक्ट था. घर छोड़ने की वजह से पुराने मकान मालिक हरि हेम्ब्रम नाराज रहने लगा.

उसने दिल में बैठा लिया कि अगर सुकरु हमारे घर में नहीं रहेगी तो किसी के घर में नहीं रह सकती, उसे जिन्दा रहने का कोई हक नहीं है. उसने महिला टीचर से इसे लेकर मारपीट भी की थी. गांव के मुखिया से सुकरु ने शिकायत भी किया था. मंगलवार को यानि वारदात के दिन एक बार फिर हरि स्कूल आया और उसने शिक्षिका को स्कूल के बाहर बुलाया. जैसे ही वो स्कूल से बाहर आई आरोपी ने धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी.

बात हत्या तक नहीं रुकी. हत्या के बाद आरोपी शिक्षिका का सिर हाथ में लेकर भागता रहा. पुलिस को आरोपी तक पहुंचे में 4 घंटे लगे. हत्यारा हाथ में महिला टीचर का सिर आगे-आगे भागता रहा और पुलिस उसे पकड़ने के लिए पीछे-पीछे भागती रही. 4 घंटे तक ये भागा-दौड़ी का खेल चला तब जाकर हत्यारा पुलिस के हाथ लगा.

हत्या के वक्त महिलाओं के कपड़े पहन रखा था आरोपी

हत्या के वक्त हरि हेम्ब्रम महिलाओं के कपड़े पहन रखे थे. पहली नजर में वो मानसिक रुप से विक्षिप्त लग रहा था. मगर उसके विक्षिप्त होने और मानसिक रोग का इलाज कराने की कोई पुष्टि नहीं हुई है. स्थानीय थाना प्रभारी के मुताबिक आरोपी मानसिक विक्षिप्त नहीं है. पुलिस से बचने के लिए वो ऐसा नाटक कर रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. हत्या के आरोपी का घर स्कूल के सामने ही है. वारदात के दिन सुकरु हेस्सा हमेशा की तरह स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही थीं. वो 2016 से यहां बतौर टीचर पोस्टेड थीं. जिस समय घटना हुई, उस वक्त स्कूल में करीब 65 बच्चे थे. घटना के बाद बच्चे किताब-कॉपी छोड़कर भाग निकले.