दिल्ली। केंद्र में मोदी सरकार के चार साल हो गए हैं। चार साल का जश्न बीजेपी पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम से मना रही है। लेकिन इन चार सालों में कई ऐसे मौके आए, जिन पर पीएम चुप रहे।
इन मौकों पर देश पीएम मोदी के बोलने का इंतजार करता रहा। इन विवादितों मुद्दों पर पीएम तब बोले जब उसकी प्रासंगिकता खत्म हो गई।
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पीएनबी घोटाला
सबसे पहले मोदी के शासनकाल में उजागर हुए 12 हजार करोड़ के पीएनबी घोटाले पर वे लंबे समय तक चुप रहे। लेकिन करीब एक महीने बाद पीएम ने कहा कि सरकार वित्तीय अनियमितताओं पर नकेल कसने वाला कानून लाएगी।
नोटबंदी मामला
वहीं, आठ नवंबर 2016 के पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए अचानक से नोटबंदी का फैसला ले लिया था। इस दौरान करीब सौ लोगों की मौत भी हुई। लेकिन मोदी यूपी चुनावों के दौरान इस पर कुछ नहीं बोले। बाद में उन्होंने कहा कि इस फैसले की वजह से लोगों को परेशानी हुई।
महाभियोग प्रस्ताव
इसके साथ ही न्यायपालिका को लेकर भी मौजूदा सरकार पर कई आरोप लगे। हाल ही में विपक्ष द्वारा सीजेआई के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को सरकार और न्यायपालिका से निराशा मिलेगी। विपक्ष मोदी से लगातार इस पर बोलने की मांग करता रहा, लेकिन वो नहीं बोले।
अखलाक हत्याकांड
इसके साथ ही 2015 में बीफ को लेकर अखलाक की हुई हत्या मामले भी वे लंबे अर्से तक चुप रहे हैं। इसके बाद वे बिहार के नवादा जिले की एक रैली में पीएम ने राष्ट्रपति को कोट करते हुए कहा कि विविधता और सहनशीलता का ध्यान रखना चाहिए।
व्यापम घोटाला
व्यापम घोटाले में करीब चालीस लोगों की संदिग्ध मौत हुईं थी। विपक्ष शिवराज सिंह को हटाने की मांग कर रहा था लेकिन पीएम इस मामले में चुप्पी साधे रहे।
राफेल डील
पीएम मोदी ने अप्रैल 2015 में फ्रांस दौरे पर राफेल डील यानी फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद की घोषणा की। लेकिन ने नई डील में निजी कंपनियों को भी अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। कांग्रेस लगातार इस पर पीएम से जवाब मांगती रही, पर मोदी कुछ नहीं बोले।
ललित मोदी विवाद
ललित मोदी विवाद ने भी देश की राजनीति में हलचल मचा दिया था। विपक्ष लगातार राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे व सुषमा स्वराज से इस्तीफा मांग रही थी। लेकिन पीएम इस पर कुछ नहीं बोले।
किसानों का प्रदर्शन
तमिलनाडु के सैकड़ों किसानों ने अपने हक के लिए सांकेतिक तौर पर चूहे और घास खाकर प्रदर्शन किया। पीएम देखते रहे मगर कुछ बोले नहीं।
कठुआ मामला
इसके साथ ही कठुआ गैंगरेप पर भी बोलने में पीएम मोदी ने देर कर दी।
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