/मुंबई के पृथ्वी शॉ पर बिहार के लोग क्यों मना रहे हैं जश्न? जानें
मुंबई के पृथ्वी शॉ पर बिहार के लोग क्यों मना रहे हैं जश्न? जानें

मुंबई के पृथ्वी शॉ पर बिहार के लोग क्यों मना रहे हैं जश्न? जानें

पृथ्वी की कामयाबी पर झूमा बिहार

दिल्ली। अपने डेब्यू टेस्ट मैच में पृथ्वी शॉ ने शतक जड़कर सबसे युवा भारतीय और चौथे युवा खिलाड़ी बने. भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में पहले दिन 4 विकेट खोकर 364 रन बनाया. करियर का पहला मैच खेल रहे पृथ्वी ने 18 वर्ष 329 दिन की उम्र में 99 गेंद पर शतक पूरा किया. उन्होंने 154 गेंद में 19 चौकों की मदद से 134 रन बनाए. इसी के साथ पृथ्वी की कामयाबी पर झूमा बिहार.

पृथ्वी की कामयाबी पर झूमा बिहार

पृथ्वी का जन्म मुंबई में हुआ है लेकिन बिहार से उनका गहरा नाता है. 18 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत करनेवाले पृथ्वी शॉ की हर जगह तारीफ हो रही है. पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू में शतक जड़ा. मगर सवाल उठता कि इस नौजवान क्रिकेटर की कामयाबी पूरे देश के लिए शान है तो आखिर पृथ्वी की कामयाबी पर झूमा बिहार, क्यों कह रहे हैं. दरअसल पृथ्वी शॉ बिहार के गया जिले के मानपुर के रहनेवाले हैं.

गया के मानपुर में पृथ्वी के दादा-दादी

पृथ्वी के पिता पंकज शॉ मूल रूप से मानपुर गांव के हैं. लेकिन पृथ्वी का जन्म मुंबई के विरार इलाके में 9 नवंबर 1999 को हुआ था. फिलहाल पृथ्वी के पिता मुंबई में ही रहते हैं. वहां कपड़े की दुकान चलाते हैं. गया जिले के मानपुर में पृथ्वी के दादा अशोक साव और दादी रामदुलारी रहती हैं. पृथ्वी के दादाजी अशोक साव कपड़े की दुकान ‘बालाजी कटपीस’ चलाते हैं. पृथ्वी भी दादा-दादी से मिलने मानपुर आते रहते हैं. टीम इंडिया में सेलेक्शन होने पर पृथ्वी के दादा जी पोते को आशीर्वाद देने मुंबई भी गए थे. मगर अब पूरा देश, पूरा बिहार आशीर्वाद दे रहा है साथ ही पृथ्वी की कामयाबी पर झूमा बिहार. मानपुर में जमकर बंटी मिठाइयां.

कामयाबी पर मानपुर में बंटी मिठाइयां

कामयाबी पर मानपुर में बंटी मिठाइयां तो बंटी ही साथ ही पृथ्वी की कामयाबी पर झूमा बिहार. पोते के डेब्यू शतक लगाने के बाद उनकी दादी की आंखें खुशी से नम हो गई. पृथ्वी के इस कामयाबी पर पूरे मानपुर में जश्न है. लोगों ने ढोल बाजे के साथ पृथ्वी के दादा अशोक साव को मिठाई खिलाई और पोते की कामयाबी पर बधाइयां दी. पृथ्वी अपने पदार्पण टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले चौथे सबसे युवा बल्लेबाज बने हैं. इनसे पहले बांग्लादेश के क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद अशरफुल, जिम्बाब्वे के हेमिल्टन मसाकाद्जा औक पाकिस्तान के पूर्व क्रेकटर सलीम मलिक का नाम शामिल है.