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Sachin Pilot: मैं बीजेपी ज्वॉइन नहीं कर रहा हूं, गहलोत से नाराजगी नहीं, अफसर नहीं मानते थे बात

जयपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin pilot) ने कहा कि वो बीजेपी में नहीं जा रहे हैं. राजस्थान की राजनीति में भूचाल लाने के बाद सचिन पायलट ने एक इंटरव्यू में ये बातें कही. सचिन पायलट से जब ये पूछा गया कि आखिर वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इतने नाराज क्यों हैं? तो उन्होंने कहा कि वो गहलोत से नाराज नहीं हैं. उन्होंने गहलोचत से कोई खास ताकत नहीं मांगी थी. मगर उनके आवाज को दबाया गया. अफसरों को उनका आदेश न मानने के लिए कहा गया.

Sachin pilot: बीजेपी में नहीं जा रहा हूं

न्यूज एजेंसी एएनआई ने पायलट के हवाले से ट्वीट किया कि सचिन पायलट बीजेपी में नहीं जा रहे हैं. 42 साल के सचिन पायलट को पार्टी से बगावत के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने (Sachin pilot) राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया था. इतना कुछ हो जाने के बाद भी सचिन पायलट का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था. हालांकि इंडिया टूडे के दिए अपने इंटरव्यू में सचिन पायलट ने खुलकर अपनी बात रखी.

‘मैं अशोक गहलोत से नाराज नहीं’

सचिन पायलट से जब अशोक गहलोत से नाराजगी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं (Sachin pilot) उनसे नराज नहीं हूं. मैं किसी विशेष शक्ति या विशेषाधिकार की मांग नहीं कर रहा था. मैं बस इतना कहना चाहता था कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने चुनावों में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने की दिशा में काम किया जाए. Sachin pilot ने आगे कहा कि हमने वसुंधरा राजे सरकार के अवैध खनन पट्टों के खिलाफ एक अभियान चलाया ताकि तत्कालीन बीजेपी सरकार को उन आवंटन को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़े. लेकिन सत्ता में आने के बाद गहलोत जी ने कुछ नहीं किया, बल्कि उसी रास्ते पर चले पड़े.

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‘अफसर मेरी बात नहीं मानते थे’

सचिन पायलट ने कहा कि उन्हें और उनके समर्थकों को न सम्मान मिला और न प्रदेश के विकास के लिए काम करने का मौका दिया गया. आगे उन्होंने कहा कि नौकरशाहों को मेरे निर्देशों का पालन नहीं करने कि लिए कहा गया था. फाइलें मेरे पास नहीं भेजी गईं. मंत्रिमंडल की बैठकें और पार्टी की बैठकें महीनों तक नहीं हुई थी. अगर मैं अपने लोगों के साथ की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की अनुमति नहीं देता तो क्या हालात है?

‘राजद्रोह का नोटिस थमा दिया’

विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने पर Sachin pilot ने कहा कि मेरे आत्मसम्मान को चोट पहुंची है. राज्य की पुलिस ने मुझे राजद्रोह का नोटिस थमा दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में हमलोग ऐसे कानून को हटाने की बात कर रहे थे. यहां कांग्रेस की ही सरकार अपने ही मंत्री को इसके तहत नोटिस थमा रही है. मैंने जो कदम उठाया वो अन्याय के खिलाफ था. अगर व्हिप की बात हो तो सिर्फ विधानसभा के सदन में काम आता है, मुख्यमंत्री ने ये बैठक अपने घर में बुलाई थी न कि पार्टी दफ्तर में. आगे उन्होंने कहा कि मैं (Sachin pilot) राजस्थान कांग्रेस के लिए जी-तोड़ मेहनत की है, मैं क्यों पार्टी के खिलाफ काम करूंगा? मैं पहले ही साफ कर देना चाहता हूं कि भाजपा ज्वाइन नहीं कर रहा हूं. मैं अभी यही करना चाहता हूं कि मैं अपने लोगों के लिए काम करता रहूंगा. मैं पिछले 6 महीने से तो ज्योतिरादित्य सिंधिया मिला हूं और ना ही ओम माथुर से.