दिल्ली। बीजेपी को नए ‘बयान बहादुर’ मिल गए है. केंद्रीय नेतृत्व इनसे कैसे निपटता है देखना दिलचस्प होगा. जब से इन्होंने त्रिपुरा की गद्दी संभाली है, तब से अपने बयानों को लेकर सोशल मीडिया पर छा जाते हैं.
नए ‘बयान बहादुर’ मिल गए
इससे पहले इन्हें त्रिपुरा से बाहर शायद ही कोई जानता था. मगर फिलहाल इनके सितारे बुलंद हैं. बयानों की वजह से सुर्खियां बनने लगे हैं. अब ये इनकी किस्मत पर कितना फिट बैठता है देखना दिलचस्प होगा.
बिप्लब का बैकग्राउंड जानिए
25 नवंबर 1969 को जन्मे बिपल्ब कुमार देब 9 मार्च 2018 को त्रिपुरा के 10वें मुख्यमंत्री बने. त्रिपुरा के उदयपुर कॉलेज से ग्रेजुएट बिप्लब पढ़ाई के सिलसिले में दिल्ली आए. यहीं पर उन्होंने राजनीति की गुर सिखी.
15 साल बाद त्रिपुरा गए और सीएम बन गए. दिल्ली में बिप्लब गोविंदाचार्य, रीता वर्मा और गणेश सिंह के असिस्टेंट के तौर पर काम कर चुके हैं. 2015 में दिल्ली से बीजेपी ने इन्हें त्रिपुरा भेजा. 2018 चुनाव में मिली जीत के बाद ताजपोशी कर दी.
बिप्लब देव की पत्नी नीति देब भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी करतीं हैं. इनके एक बेटा और एक बेटी है.
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बिप्लब का गाय पालने वाला बयान
बिपल्ब का नया बयान भी पहले की तरह मीडिया में छाया हुआ है. विश्व पशुपालन दिवस के कार्यक्रम में उन्होंने युवाओं को गाय पालने की सलाह दे डाली. उन्होंने कहा कि युवा सरकारी नौकरी की चक्कर में कई सालों राजनीतिक दलों के पीछे घूमते रहते हैं.
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जिंदगी का महत्वपूर्ण समय यहां-वहां दौड़कर सरकारी नौकरी की तलाश में बर्बाद कर देते हैं. अगर वो इसकी बजाए पान की दुकान लगा लेते या गाय पाल लेते तो उनके बैंक खाते में अब तक 5-10 लाख रुपए जमा हो जाते.
बिप्लब का इंटरनेट वाला बयान
18 अप्रैल को बिप्लब ने कहा था कि महाभारत युग में भी इंटरनेट और सैटेलाइट था. तभी तो संजय ने घृतराष्ट्र को युद्ध के बारे में बताया था. सजंय इतनी दूर रहकर कैसे देख सकते थे?. इसका मतलब है कि उस समय भी इंटरनेट, तकनीक और सैटेलाइट थे.
बिप्लब का डायना पर बयान
26 अप्रैल को बिप्लब देब ने कहा कि भारत ने लगातार पांच साल तक मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स के खिताब जीते थे. लेकिन मैं 1997 के फैसले को समझ नहीं पाया. जब डायना हेडन ने खिताब जीता था. इस बयान पर हंगामा होने के बाद देब ने माफी मांगी.
सिविल सर्विसेज पर देब का बयान
28 अप्रैल को त्रिपुरा के सीएम बिप्लब ने कहा कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए. क्यों कि समाज का निर्माण करना होता है. सिविल इंजीनियरों के पास ये ज्ञान है.
त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब के ये बयान खूब ट्रोल हो रहे हैं. विपक्ष भी इसे भुनाने की जमकर कोशिश कर रहा है.
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