दिल्ली में पीएम मोदी के आवास पर एक बैठक (all party meet) हुई। इस बैठक में तमाम कश्मीरी नेता, केंद्र के अफसर और उपराज्यपाल भी शामिल हुए। सवाल है कि क्या जम्मू-कश्मीर में कुछ नया हो रहा है? वो भी तब जबकि जम्मू-कश्मीर ही नहीं पूरे देश की निगाहें इसपर टिकी थीं।
दिल्ली और दिल की दूरी मिटाने की कोशिश
करीब साढ़े तीन घंटे तक चली ये बैठक (all party meet) नए जम्मू-कश्मीर की तकदीर संवारने की कवायद है। ये एक कोशिश है उन दूरियों को मिटाने की, जो अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से ही केंद्र और जम्मू-कश्मीर के नेताओं के बीच बढ़ती चली गई। अब पीएम मोदी ने इस खाई को पाटने की कोशिश की है। साथ ही जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए पूरी तरह प्रतिबद्धता भी जताई है।
नया जम्मू-कश्मीर, प्रगति की नई पहल
इस बैठक (all party meet) में गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल थे। इस बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट भी किया… और जम्मू-कश्मीर के चौमुखी विकास की बात दोहराई। इस बैठक में शामिल हुए ज्यादातर नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली और विकास की बात की।
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कुल मिलाकर महबूबा की जिस बात पर सुबह से ही बवाल मचा था… उन्होंने शाम को बैठक के बाद भी वही बात दोहरा दी। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर को लेकर हुई ये बैठक (all party meet) बेहद अहम है। इसमें जम्मू-कश्मीर के 8 सियासी दलों के 14 नेता शामिल हुए। खास बात ये रही कि अब सबको भरोसा है कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर के दिन बहुरेंगे