दिल्ली। केरल की बेटी गीता गोपीनाथ को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने प्रमुख अर्थशास्त्री नियुक्त किया है. मौरीस ओब्सफेल्ड की जगह गीता को ये जिम्मेदारी दी गई है. मौरीस इस साल के आखिर में रिटायर हो जाएंगे. आईएमएफ के प्रमुख क्रिस्टीन लगार्डे ने गीता के बारे में कहा कि वो दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में एक हैं, उनके पास शानदार अकादमिक ज्ञान, बौद्धिक क्षमता और व्यापक अंतर्राष्ट्रीय अनुभव है. गीता से पहले आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ में प्रमुख अर्थशास्त्री रह चुके हैं.
केरल की बेटी गीता गोपीनाथ
गीता का जन्म 1971 में केरल में हुआ था. स्कूली पढ़ाई उन्होंने वहीं से की. फिर कॉलेज की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गईं. लेडी श्रीराम कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री लीं. फिलहाल हावर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज की प्रोफेसर हैं. केरल की बेटी गीता गोपीनाथ ने दिल्ली के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से मास्टर्स किया. गीता को माइक्रो-इकोनॉमिक्स में महारत हासिल है. 2001 में उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पीएचडी की पढ़ाई पूरी कीं.
2001 में बनीं असिस्टेंट प्रोफेसर
केरल की बेटी गीता गोपीनाथ साल 2001 में शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद संभाला और फिर 2005 में वो हावर्ड यूनिवर्सिटी चली आईं. 5 साल बाद 2010 में गीता यहां फुल टाइम प्रोफेसर बन गईं. वो अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्यू की को-ऑर्डिनेटर हैं. इसके अलावा नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च में इंटरनेशलन फाइनेंस एंड माइक्रो इकोनॉमिक्स प्रोग्राम की भी को-डायरेक्टर हैं. केरल की बेटी गीता गोपीनाथ ने आईएमएफ के पूर्व इकोनॉमिक काउंसल केनेथ रोगॉफ के साथ मिलकर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की हैंडबुक भी लिखी हैं.
दुनिया पर रहेगी गीता की नजर
आईएमएफ की जिस डिपार्टमेंट की केरल की बेटी गीता गोपीनाथ डायरेक्टर बनी हैं, उसका रोल संस्था में सबसे अहम होता है. आईएमएफ का रिसर्च विभाग दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं का अध्ययन कर के सदस्य देशों के लिए जरूरी नीतियां तैयार करता है. साथ ही साथ उन मुद्दों पर रिसर्च को अंजाम देता है जो आईएमएफ के लिए अहम होता है. इसके अलावा दुनिया की अर्थव्यवस्था अगले कुछ वर्षों में कैसी होगी इस बारे में भी अनुमान लगाना या भविष्यवाणी करना भी आईएमएफ का ही काम होता है.